अमेरिकी राजदूत की इन फोटोज को देख चीन को लगेगी मिर्ची, बाइडन के करीबी ने कर दिया ऐसा काम
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, हैलो अरुणाचल प्रदेश ! इस स्थान की अपनी पहली यात्रा को लेकर मैं काफी उत्साहित महसूस कर रहा हूं। यहां के स्थानीय लोगों के गर्मजोशी भरे व्यवहार से मैं मोहित हो चुका हूं।'
अरुणाचल यात्रा पर अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी। (तस्वीर साभार: @USAmbIndia/X)
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने हाल ही में अपने एक्स अकाउंट से कुछ तस्वीरें शेयर की हैं। ये फोटोज अरुणाचल प्रदेश के उस स्थान की हैं जिसे चीन अपना हिस्सा होने का दावा करता है। दरअसल, एरिक गार्सेटी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के काफी करीबी माने जाते हैं। उन्होंने अपनी पहली अरुणाचल यात्रा के दौरान के अनुभव एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर शेयर किए। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी फोटोज को एक हैशटैग देते हुए लिखा कि, 'भारत और अमेरिका साथ-साथ।' अमेरिकी राजदूत की इन फोटोज को देखकर चीन को मिर्ची लगना तो तय है, क्योंकि वो उस स्थान पर अपने खोखले स्वामित्व का दावा करता आया है।
अमेरिकी राजदूत ने लिखा
अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने अपनी पोस्ट में लिखा कि, हैलो अरुणाचल प्रदेश ! इस स्थान की अपनी पहली यात्रा को लेकर मैं काफी उत्साहित महसूस कर रहा हूं। यहां के स्थानीय लोगों के गर्मजोशी भरे व्यवहार से मैं मोहित हो चुका हूं। पासीघाट का क्षेत्र काफी हैरानी से भर देने वाला है।' बता दें कि गार्सेटी ने जो फोटोज शेयर की हैं उसमें उनके साथ अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी नजर आ रहे हैं। बहरहाल, इन फोटोज को काफी लाइक किया जा रहा है। वहीं, कुछ यूजर्स अमेरिकी राजदूत को पीओके की याद दिलाते भी दिख रहे हैं।
चीन को लगेगी मिर्ची
भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों को लेकर चीन की नजरें हमेशा ही से बुरी रही हैं। यही वजह है कि कश्मीर राग अलापते पाकिस्तान का चीन अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन करता है। चाहे कश्मीर हो या अरुणाचल प्रदेश चीन की मंशा इन क्षेत्रों पर कब्जा करना ही रही है। हालांकि अमेरिकी राजदूत ने अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने वाले चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश की है। साथ ही उनकी फोटो पर प्रतिक्रिया दे रहे लोगों का ये मानना भी है कि, गार्सेटी ने अपने हैशटैग के जरिए चीन को संदेश देने की कोशिश भी की है कि, अमेरिकी का समर्थन भारत को है। बहरहाल अब ऐसी फोटोज को देखने के बात चीन के कलेजे पर सांप लोटना तो तय है।
भारत की तैयारी
अरुणाचल प्रदेश हो या फिर तिब्बत चीन हर जगह अपना स्वामित्व और अपनी हिस्सेदारी होने का दंभ भरता है। हाल ही में चीन ने अरुणाचल प्रदेश का नाम बदलकर बॉर्डर के पास एक सम्मेलन भी किया था जिसमें पाकिस्तानी विदेश मंत्री भी पहुंचे थे। जहां एक ओर चीन अरुणाचल के पास हथियार तैनात कर रहा है, एयरबेस बना रहा है तो वहीं, भारत भी कम नहीं है। भारत ने भी नॉर्थ ईस्ट में बड़े पैमाने पर आधारभूत ढांचा और घातक हथियारों की तैनाती कर दी है। इससे ये स्पष्ट हो जाता है कि, चीन जो ताइवान के साथ कर रहा है ऐसा भारत अपने अटूट अंग अरुणाचल प्रदेश के साथ नहीं होने देना चाहता।
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