अजब संयोग: यूके, आयरलैंड और स्कॉटलैंड की कमान संभाल रहे भारतीय उपमहाद्वीप के नेता, हमजा युसूफ नया नाम
छह महीने पहले ही ऋषि सुनक यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री बने हैं, लियो वराडकर आयरलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में दूसरा कार्यकाल संभाल रहे हैं। अब हमजा युसूफ इस फेहरिस्त में नया नाम है।
ऋषि सुनक, हमजा यूसुफ और लियो वराडकर
UK, Ireland and Scotland State Heads: ये अजब संयोग है कि जो ब्रिटेन एक वक्त भारत पर राज करता था, आज उसी ब्रिटेन की कमान भारतीय मूल का नेता संभाल रहा है। सिर्फ ब्रिटेन ही नहीं इससे लगते आयरलैंड और स्कॉटलैंड की कमान भी भारतीय उपमहाद्वीप से निकले नेताओं के हाथ में है। ब्रिटेन की कमान जहां ऋषि सुनक ने संभाली है, वहीं आयरलैंड में लियो वराडकर देश संभाल रहे हैं। हमजा यूसुफ को स्कॉटलैंड के अगले प्रथम मंत्री के रूप में चुना गया है।
ऋषि सुनक और लियो वराडकर के बाद हमजा युसूफ
छह महीने पहले ही ऋषि सुनक (
ऐसा लगता है कि भातीय उपमहाद्वीप वैश्विक नेताओं के लिए एक तरह प्रतिभा का पालना बन गया है। पुर्तगाल के समाजवादी प्रधान मंत्री एंटोनियो कोस्टा की जड़े भी भारत से जुड़ी हैं। वहीं, भारतीय मूल के विवेक रामास्वामी और निक्की हेली ने 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपना कैंपन शुरू किया है। अगर वेल्स को छोड़ दें तो अन्य तीन यूनाइटेड किंगडम देशों - इंग्लैंड, स्कॉटलैंड और आयरलैंड में भारतीय उपमहाद्वीप मूल के नेता राज्य प्रमुख हैं। यह इस मायने में एक बड़ी बात है क्योंकि 1947 तक अविभाजित भारत पर ब्रिटेन का शासन था।
हमजा यूसुफ
हमजा यूसुफ ने सोमवार (27 मार्च) को स्कॉटिश नेशनल पार्टी नेतृत्व की लड़ाई जीती और अब वह निकोला स्टर्जन की जगह स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री बनने के लिए तैयार हैं। यूसुफ ने अपने भाषण में कहा, मैं पूरे स्कॉटलैंड के लिए एक प्रथम मंत्री बनूंगा। मैं आपका सम्मान और आपका विश्वास अर्जित करने के लिए हर दिन हर मिनट काम करूंगा।
37 वर्षीय यूसुफ ब्रिटेन की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के पहले मुस्लिम नेता और पश्चिमी यूरोप में किसी देश का नेतृत्व करने वाले पहले मुस्लिम भी बने हैं। यूरोपीय संघ में फिर से शामिल होने, स्कॉटिश स्वतंत्रता प्रदान करने, जीवन-यापन के संकट को हल करने और नवीकरणीय ऊर्जा जैसे मुद्दों पर यूसुफ ने 52% वोटों के साथ जीत हासिल की। उनके पिता मूल रूप से पाकिस्तान के हैं और 1960 के दशक में अपने परिवार के साथ स्कॉटलैंड चले गए थे। उनकी मां का जन्म केन्या में एक दक्षिण एशियाई परिवार में हुआ था।
ऋषि सुनक
पिछले साल 25 अक्टूबर को ऋषि सुनक एक साल के भीतर ब्रिटेन के तीसरे प्रधानमंत्री बने और देश का नेतृत्व करने वाले पहले अश्वेत व्यक्ति बने। लिज ट्रस के 49 दिनों के कार्यकाल के खत्म होने के बाद सुनक प्रतिद्वंद्वी दावेदार पेनी मोर्डंट को हराकर कंजर्वेटिव्स के नए नेता बन गए। यॉर्कशायर में रिचमंड के इस सांसद ने पहली बार 2015 में यूके की संसद में प्रवेश किया और कंजर्वेटिव पार्टी में तेजी से तरक्की की। वह एक कट्टर ब्रेक्जिट (Brexit) समर्थक के रूप में काफी लोकप्रिय हुए।
सुनक ने 1 बिलियन पाउंड की वैश्विक निवेश फर्म की सह-स्थापना भी की थी और राजनीति में प्रवेश करने का फैसला करने से पहले छोटे व्यवसायों में निवेश करने में माहिर थे। सरकार में उन्होंने 2018 में स्थानीय सरकार के लिए जूनियर मंत्री के रूप में शुरुआत की और 2019 में वित्त मंत्रालय में मुख्य सचिव बने। 2020 में वे वित्त मंत्री बने जो यूके कैबिनेट का सबसे महत्वपूर्ण पद माना जाता है। 100 दिनों के कठिन दौर से गुजरने के बाद जब ब्रिटेन ने अपने सबसे खराब आर्थिक संकटों में से एक का सामना किया, तो पिछले महीने सुनक ने सरकारी विभागों और अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल किया। सुनक ने ग्रेग हैंड्स को अपनी नई पार्टी के अध्यक्ष के रूप में नामित किया और ऊर्जा सुरक्षा पर केंद्रित एक नए सरकारी विभाग की शुरुआत की।
लियो वराडकर
सुनक के यूके के पीएम बनने के कुछ ही हफ्तों बाद लियो एरिक वराडकर पिछले साल दिसंबर में ताओसीच (Taoiseach) यानी आयरलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में लौटे। वह पहली बार 2017 में आयरलैंड के प्रधानमंत्री के रूप में चुने गए थे। 38 साल की उम्र में वह सबसे कम उम्र के आयरलैंड के पीएम बने थे। 2015 के समान-लिंग विवाह जनमत संग्रह के अभियान के दौरान वराडकर समलैंगिक के रूप में सामने आए और ऐसा करने वाले पहले सेवारत आयरिश मंत्री बने। दुनिया भर में कोविड महामारी के दौरान वराडकर ने एक डॉक्टर के रूप में फिर से अपना पंजीकरण कराया और देश का नेतृत्व करना जारी रखते हुए सप्ताह में एक बार डॉक्टर के रूप में काम किया।
वराडकर के पिता मुंबई में पैदा हुए थे और 1960 के दशक में डॉक्टर के रूप में काम करने के लिए यूनाइटेड किंगडम चले गए थे। वराडकर का जन्म डबलिन में हुआ था और उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन में मेडिकल शिक्षा ली थी। अस्पताल के डॉक्टर के रूप में कई साल काम करने के बाद वह फाइन गेल पार्टी में शामिल हो गए और फिंगल काउंटी काउंसिल के सदस्य बन गए। बाद में फिंगल के डिप्टी मेयर के रूप में कार्य किया। वह 2007 में डैल ईयरन (Dáil Éireann) (निचले सदन) के लिए चुने गए। वराडकर 2020 में एक गठबंधन सौदे के तहत दोबारा आयरलैंड के पीएम बने।
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