अपनी ट्रेमबिटा मिसाइल अपग्रेड कर रहा यूक्रेन, दायरे में आएगा क्रेमलिन, निशाने पर होंगे पुतिन
Russia Ukraine War: टेलिग्राफ यूके की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ।.रूस की राजधानी मास्को तक मार करने के लिए यूक्रेन अपनी क्रूज मिसाइल ट्रेमबिटा को अपग्रेड कर रहा है। अभी इस क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 145 किलोमीटर है लेकिन इसका अपग्रेडेड वर्जन 650 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकेगा।यूक्रेन इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन अगर तैयार कर लेता है।

अपनी क्रूज मिसाइल ट्रेमबिटा को अपग्रेड कर रहा यूक्रेन।
Russia Ukraine War: आने वाले 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप आधिकारिक रूप से अमेरिका के राष्ट्रपति पद की कमान संभाल लेंगे। राष्ट्रपति बनते ही उनके सामने जो बड़े मुद्दे होंगे। उनमें रूस-यूक्रेन युद्ध भी है।चूंकि ट्रंप यह युद्ध बंद कराने की बात कह चुके हैं।ऐसे में वह सीजफायर या पीस डील के लिए पहल कर सकते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी संकेत दिया है कि युद्ध खत्म करने के लिए। ट्रंप के साथ बातचीत करने में उन्हें कोई परेशान नहीं है।लेकिन यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की भी क्या ऐसा सोचते हैं? युद्ध रोकने के लिए वह क्या किसी शांति समझौते की पहल करेंगे। यूक्रेन की सैन्य तैयारियों को देखते हुए फिलहाल ऐसा तो नहीं लगता।इसकी एक वजह भी है।एक रिपोर्ट आई है जिसमें कहा गया है कि यूक्रेन अपनी एक ऐसी मिसाइल तैयार करने में तेजी से जुटा है।जो मास्को तक मार कर सकती है।
क्रूज मिसाइल है ट्रेमबिटा
टेलिग्राफ यूके की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रूस की राजधानी मास्को तक मार करने के लिए यूक्रेन अपनी क्रूज मिसाइल ट्रेमबिटा को अपग्रेड कर रहा है। अभी इस क्रूज मिसाइल की मारक क्षमता 145 किलोमीटर है लेकिन इसका अपग्रेडेड वर्जन 650 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकेगा।यूक्रेन इस मिसाइल का अपग्रेडेड वर्जन अगर तैयार कर लेता है। तो दो बड़ी बातें यूक्रेन के पक्ष में जाएंगी।एक तो उसके पास अपनी मिसाइल होगी जो कि रूस के अंदरूनी इलाकों तक मार कर सकेगी।दूसरा लॉन्ग रेंज की मिसाइलों के लिए उसे अमेरिका और नाटो देशों पर निर्भर नहीं रहना होगा।.इस मिसाइल की रेंज में मास्को स्थित क्रेमलिन जहां पुतिन बैठते हैं और रूस के अन्य महत्वपूर्ण सैन्य एवं कारोबारी प्रतिष्ठान आ जाएंगे।यह मिसाइल यूक्रेन के लिए एक मजबूत डेटरेंट का काम करेगी।
तेजी से उन्नत कर रहा अपनी मिसाइल
जाहिर है कि इस मिसाइल के तैयार हो जाने के बाद।पुतिन यूक्रेन की रेंज में आ जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन इस क्रूज मिसाइल को उन्नत बनाने के लिए तेजी से काम पर लगा है।युद्ध जिस तरह से आगे खिंच रहा है। और रूस जिस तेजी और आक्रामकता से युद्ध में आगे बढ़ रहा है। उसे देखते हुए यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों की जरूरत महसूस हो रही है। यूक्रेन के पास लंबी दूरी की मिसाइलें होंगी तो वह हथियारों का उत्पादन करने वाली रूसी कंपनियों को निशाना बनाकर मास्को की युद्ध की तैयारियों को पटरी पर उतार सकता है।
युद्ध में अमेरिकी, ब्रिटेन की मिसाइलों का इस्तेमाल
अभी युद्ध में यूक्रेन अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से दिए गए लॉन्ग रेंज वाली मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है।अमेरिका ने उसे अपनी आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम जिसे ATACMS कहा जाता है।.और ब्रिटेन ने अपनी स्टॉर्म शैडो मिसाइलों के इस्तेमाल की इजाजत दी है।यूक्रेन के पास फ्रांस की स्कॉल्प ईजी मिसाइल भी है।यूक्रेन। रूस के खिलाफ इन मिसाइलों का इस्तेमाल कर रहा है।लेकिन आगे यानी 20 जनवरी के बाद क्या वह ऐसा कर पाएगा। इस पर संदेह है।राष्ट्रपति बनने के बाद हो सकता है कि ट्रंप अमेरिकी मिसाइलों के इस्तेमाल पर रोक लगा दें।अमेरिका अगर पीछे हटा तो ब्रिटेन और फ्रांस भी अपने हाथ पीछे खींच सकते हैं। फिर यूक्रेन के पास लंबी दूरी की मिसाइलों के लिए विकल्प नहीं बचेगा।लॉन्ग रेंज की मिसाइल अगर चाहिए तो उसे अपनी मिसाइल खुद तैयार करनी होगी।
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रूस ने यूक्रेन पर हमले तेज किए
यही नहीं, कुछ दिन पहले कीव इंडिपेंडेंट की एक रिपोर्ट आई। इस रिपोर्ट में कहा गया कि यूक्रेन के पास जो अमेरिकी ATACMS मिसाइलें हैं।उसमें तेजी से कमी आ रही है। रिपोर्ट में अमेरिकी सेना के दो सीनियर अधिकारियों के हवाले से कहा गया कि।राष्ट्रपति बाइडेन ने रूस के अंदरूनी इलाके में मार करने में सक्षम मिसाइलों के इस्तेमाल की जब इजाजत दी।तो उस समय यूक्रेन के पास करीब 50 ATACMS मिसाइलें थीं। यूक्रेन द्वारा लंबी दूरी की मिसाइल विकसित करने की रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब रूस ने यूक्रेन के शहरों पर अपने हमले तेज कर दिए हैं। इसके अलावा उसने अपनी मिसाइलों और ड्रोन का प्रोडक्शन भी बढ़ा दिया है।सीएनएन की 27 दिसंबर की रिपोर्ट में कहा गया कि बीते जनवरी से लेकर सितंबर तक रूस ने टटारस्टान स्थित सेज में 5760 शाहेद ड्रोन तैयार किए।
अल्पाइन हॉर्न के नाम पर मिसाइल का नाम
आइए अब जानते हैं कि यह ट्रेमबिटा क्रूज मिसाइल है क्या। तो इसका नामकरण यूक्रेन के अल्पाइन हॉर्न पर है। यह मिसाइल पहली बार 2023 में दुनिया के सामने आई।इसे द्वितीय विश्व युद्ध की जर्मन सिक्स मिसाइल का छोटा और आधुनिक वर्जन माना जाता है। इसमें जेट इंजन और जीपीएस सिस्टम लगा है।इस मिसाइल का वजन 200 पाउंड और लंबाई सात फीट है।इसे रैंप से फायर किया जा सकता है। खास बात यह है कि प्लसजेट इंजन लगा होने से यह मिसाइल प्रतिघंटे 400 किलोमीटर का रफ्तार पकड़ सकती है। रफ्तार जहां इस मिसाइल की खासियत है तो इसकी आवाज इसकी कमजोरी। यह दागे जाने पर 100 डीबी का शोर पैदा करती है।यह शोर इसे दुश्मन के एयर डिफेंस का आसान टारगेट बना देता है।
यूक्रेन के फायर पावर में होगा इजाफा
टेलिग्राफ की रिपोर्ट कहती है कि इस मिसाइल के तैयार हो जाने पर यूक्रेन के फायर पावर में गजब का इजाफा हो जाएगा।इसकी सफलता के बाद यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहना होगा।वह इसे बनाने में आत्मनिर्भर हो जाएगा।यही नहीं इस मिसाइल के निर्माण में बहुत तकनीकी पेचदीगियां नहीं हैं और इस मिसाइल की लागत बहुत कम है। हालांकि, इसमें अमेरिकी और नाटो देशों की मिसाइलों जैसी सटीकता और ताकत तो नहीं है। फिर भी यह रूस के काफी भीतर उसके संयंत्रों को निशाना बना सकती है। एक्सपर्ट का कहना है कि एक ट्रेमबिटा मिसाइल 10,000 अमेरिकी डॉलर में तैयार हो जाती है जबकि एक अमेरिकी ATACMS मिसाइल की लागत 10 लाख डॉलर से अधिक है।लागत के हिसाब ट्रेमबिटा बहुत सस्ती है।यूक्रेन इसे हजारों की संख्या में बना सकता है।रिपोर्ट ऐसी भी है कि यूक्रेन की योजना 3,000 ट्रेमबिटा मिसाइल बनाने की है।
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जाहिर है कि लंबी दूरी की ट्रेमबिटा मिसाइल। यूक्रेन की सैन्य ताकत में काफी इजाफा करेगी।रूसी राजधानी मास्को, उसके कई बड़े शहर और संयंत्र इसकी जद में आ जाएंगे। इसमें आधुनिक लंबी दूरी वाली मिसाइलों जैसी सटीकता भले ही न हो लेकिन यह रक्षा एवं कारोबारी संयंत्र जैसे रूस के बड़े प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकती है।.
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