यूक्रेन पहुंच चुकी हैं लंबी दूरी वाली अमेरिकी मिसाइलें, खतरा बढ़ने पर पुतिन उठा सकते हैं बड़ा कदम
अमेरिका के ये हथियार इसी महीने पहुंचे लेकिन यूक्रेन की सुरक्षा को देखते हुए इनके बारे में कोई घोषणा नहीं हुई। अधिकारियों का कहना है कि क्रीमिया में रूसी ठिकानों को निशाना बनाना के लिए एक बार इन हथियारों का इस्तेमाल भी हो चुका है। यही नहीं, कीव की मदद के लिए और भी अमेरिकी सहायता आ रही है।
रूस-यूक्रेन युद्ध।
Russia Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच बीते दो साल से युद्ध जारी है। इस दौरान दोनों देशों ने एक दूसरे को नुकसान पहुंचाया है। रिपोर्टों की मानें तो रूस के मुकाबले यूक्रेन को ज्यादा क्षति पहुंची है। ताकतवर रूस का मुकाबला करने के लिए यूक्रेन को अमेरिका और नाटो के देशों से सैन्य एवं आर्थिक सहायता मिलती रही है। खासतौर से अमेरिका से मिले हथियारों की बदौलत ही वह रूस के खिलाफ टिका हुआ है। रिपोर्टों की मानें तो अमेरिका ने चुपके से यूक्रेन को लंबी दूरी की मिसाइलें दी हैं। इसकी पुष्टि अमेरिकी अधिकारियों ने की है
अमेरिका के ये हथियार इसी महीने पहुंचे लेकिन यूक्रेन की सुरक्षा को देखते हुए इनके बारे में कोई घोषणा नहीं हुई। अधिकारियों का कहना है कि क्रीमिया में रूसी ठिकानों को निशाना बनाना के लिए एक बार इन हथियारों का इस्तेमाल भी हो चुका है। यही नहीं, कीव की मदद के लिए और भी अमेरिकी सहायता आ रही है। जानकार मानते हैं कि अमेरिकी मिसाइलों से यदि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को खतरा बढ़ा तो वह जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं।
बैलिस्टिक मिसाइलों की क्षमता 300 किलोमीटर
पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल गैरॉन गार्न ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने फरवरी में यूक्रेनी क्षेत्र में इस्तेमाल के लिए लंबी दूरी की ‘आर्मी टैक्टिकल मिसाइल सिस्टम’ (एटीएसीएमएस) की आपूर्ति को गुप्त रूप से मंजूरी दे दी थी। गार्न ने यूक्रेन की सेना द्वारा इनके इस्तेमाल के बारे में सवालों को टालते हुए कहा, ‘उस समय यह घोषणा नहीं की गई थी कि हम यूक्रेन को उसके अनुरोध पर यह नई मिसाइल प्रणाली प्रदान कर रहे हैं।’बैलिस्टिक मिसाइलों की मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक होती है।
ईरान ने रूस को ड्रोन भेजे
बाइडन ने यूक्रेन और इजराइल को मदद देने तथा ताइवान समेत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका और उसके सहयोगियों की सुरक्षा मजबूत करने के लिए 95.3 अरब अमेरिकी डॉलर के सहायता पैकेज संबंधी विधेयक पर बुधवार को हस्ताक्षर किए। उन्होंने विधेयक पर हस्ताक्षर करने के बाद कहा, ‘पुतिन (रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन) के मित्र उन्हें लगातार साजो-सामानों की आपूर्ति कर रहे हैं। ईरान ने उन्हें ड्रोन भेजे। उत्तर कोरिया ने बैलेस्टिक मिसाइल और तोप के गोले भेजे हैं, चीन रूस के रक्षा उत्पादन को बढ़ाने के लिए उपकरण एवं प्रौद्योगिकी मुहैया करा रहा है।’
यह भी पढ़ें- ईरान पर अमेरिका का बड़ा एक्शन, एक दर्जन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया
हवाई हमले तेज किए
बाइडन ने कहा, ‘इस प्रकार का सहयोग मिलने पर रूस ने यूक्रेनी शहरों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले तेज कर दिए हैं। उसने अपनी मातृभूमि की रक्षा कर रहे यूक्रेन के जवानों पर गोला-बारूद बरसाएं हैं और अब अमेरिका यूक्रेन को युद्ध में अपनी रक्षा करने और तेजी से पलटवार करने के लिए आवश्यक साजो सामान की आपूर्ति करने जा रहा है।’ इसके कुछ घंटों बाद अमेरिका ने पोतों और विमानों के जरिए यूक्रेन को हवाई रक्षा सामग्री, रॉकेट प्रणाली और बख्तरबंद वाहन भेजने शुरू कर दिए।
बाइडन का आरोप रूस को मदद दे रहे चीन और ईरान
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ‘यह पैकेज न केवल यूक्रेन की रक्षा में बल्कि यूरोप की रक्षा और हमारी अपनी सुरक्षा के लिए निवेश सरीखा है।’ बाइडन ने आरोप लगाया कि चीन, ईरान और उत्तर कोरिया रूस को हथियार और प्रौद्योगिकी की आपूर्ति कर रहे हैं। वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने ‘फॉक्स न्यूज’ को दिए एक साक्षात्कार में मदद के लिए अमेरिका का आभार व्यक्त किया है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दुनिया (world News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
जर्मनी के राष्ट्रपति ने दिया संसद भंग करने का आदेश, समय से पहले चुनाव कराने की कवायद
लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी हाफ़िज़ अब्दुल रहमान मक्की की मौत, मुंबई हमलों से था कनेक्शन
बाल-बाल बचे WHO प्रमुख टेड्रोस, सना अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुई बमबारी; UN ने की हमले की निंदा
क्या रूस के हमले के बाद क्रैश हुआ अजरबैजान एयरलाइंस का विमान? उठ रहे सवाल, कजाकिस्तान कर रहा जांच की मांग
भारत-बांग्लादेश के रिश्तों के लिए कैसा रहा साल 2024? 5 पॉइंट में समझिए सबकुछ
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited