अमेरिका में चली ट्रंप की आंधी, दो बार हुई हत्या की कोशिश, फिर विजेता बनकर लौटे...ऐसा रहा सफरनामा

अपने 2024 के चुनाव अभियान के दौरान हत्या की दो कोशिशों से बचने के बाद 78 वर्षीय ट्रंप अजेय बने हुए हैं और अमेरिकी मतदाताओं ने उन्हें दूसरी बार राष्ट्रपति चुना है। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ-साथ लाखों कमला हैरिस समर्थकों के सपने को भी चकनाचूर कर दिया।

मुख्य बातें
  • मौत को भी मात देकर अमेरिका की तकदीर बदलने का भरोसा लोगों को दिया
  • 2024 के चुनाव अभियान के दौरान हत्या की दो कोशिशों से बचने के बाद हासिल की जीत
  • 78 वर्षीय ट्रंप अजेय बने हुए हैं और अमेरिकी मतदाताओं ने उन्हें दूसरी बार राष्ट्रपति चुना

Unstoppable Donald Trump: एक व्यवसायी, रियल एस्टेट टाइकून और रियलिटी टीवी स्टार से लेकर देश के पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जिन्हें दोषी भी घोषित किया गया। जी हां, डोनाल्ड ट्रंप की पहचान कई वजहों से है। एक ऐसा शख्स जिसने मौत को भी मात देकर अमेरिका की तकदीर बदलने का भरोसा लोगों को दिया। अपने 2024 के चुनाव अभियान के दौरान हत्या की दो कोशिशों से बचने के बाद 78 वर्षीय ट्रंप अजेय बने हुए हैं और अमेरिकी मतदाताओं ने उन्हें दूसरी बार राष्ट्रपति चुना है। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ-साथ लाखों कमला हैरिस समर्थकों के सपने को भी चकनाचूर कर दिया। साथ ही व्हाइट हाउस में पहली महिला राष्ट्रपति के पहुंचने की उम्मीदों को भी दूसरी बार तोड़ दिया।

2020 में हार के बाद यूएस कैपिटोल पर हमला

2020 के राष्ट्रपति चुनाव में हार के बाद पद छोड़ने से लेकर 2024 की दौड़ में रिपब्लिकन उम्मीदवार के रूप में नामांकन तक ट्रंप अमेरिका के मानस पर हावी रहे। उन्होंने नवंबर 2020 के परिणाम को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था, जिसमें जो बाइडन को व्हाइट हाउस पहुंचने का मौका मिला था। तब स्तब्ध राष्ट्र ने 6 जनवरी को ट्रंप समर्थकों को यूएस कैपिटोल पर हमला करते देखा।

कई मामलों में ठहराए गए दोषी

2024 में उनके सामने कई बाधाएं आईं। इनमें कई अभियोग और आपराधिक मामले शामिल थे, और न्यूयॉर्क की एक अदालत में उन्हें दोषी भी ठहराया। इससे वह किसी अपराध के लिए दोषी ठहराए जाने वाले पहले पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए। एक ग्रैंड जूरी ने उन्हें व्यावसायिक रिकॉर्ड में हेराफेरी करने के 34 मामलों में दोषी पाया। बाइडन-हैरिस अभियान ने उस समय कहा था कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है, जबकि ट्रंप ने फैसले को धांधली वाली राजनीतिक व्यवस्था का परिणाम बताया। इन झटकों के बाद भी ट्रंप का हौसला कम नहीं हुआ और वह चट्टान की तरह डटे रहे।

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