'इजरायल-हिजबुल्ला 21 दिन के लिए तत्काल रोकें युद्ध', अमेरिका-फ्रांस की इस अपील को नेतान्याहू ने किया अनसुना
Israel-Hezbollah Conflict: अमेरिका, फ्रांस तथा उनके अन्य सहयोगियों ने इजरायल और हिजबुल्ला के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर वार्ताओं के लिए 21 दिन के संघर्ष विराम का आह्वान किया है। हालांकि, इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि अमेरिका और फ्रांस ने संघर्ष विराम का केवल प्रस्ताव रखा है।
इजरायल-हिजब्बुला तनाव
Israel-Hezbollah Conflict: अमेरिका, फ्रांस तथा उनके अन्य सहयोगियों ने इजरायल और हिजबुल्ला के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर वार्ताओं के लिए 21 दिन के संघर्ष विराम का आह्वान किया है। लेबनान में हालिया दिनों में दोनों पक्षों के बीच हुए संघर्ष में 600 से अधिक लोगों की मौत हुई है। न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर बुधवार को जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि हालिया लड़ाई अस्वीकार्य है और यह क्षेत्र में व्यापक रूप ले सकती है।
वक्तव्य में कहा गया है, “हम कूटनीति को जगह देने के लिए लेबनान-इजरायल सीमा पर तत्काल 21 दिन के संघर्ष विराम का आह्वान करते हैं। हम इजरायल और लेबनान की सरकारों समेत सभी पक्षों से तत्काल संघर्ष विराम का समर्थन करने की अपील करते हैं।” हालांकि, इस अपील पर लेबनान सरकार या हिजबुल्ला की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि सभी पक्ष संघर्ष विराम की अपील से अवगत हैं।
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नेतान्याहू ने नहीं दी कोई प्रतिक्रिया
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू के कार्यालय ने कहा कि अमेरिका और फ्रांस ने संघर्ष विराम का केवल प्रस्ताव रखा है और संयुक्त राष्ट्र महासभा के लिए फिलहाल अमेरिका गए नेतान्याहू ने प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे पहले, इजरायल और लेबनान के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र के एक प्रस्ताव के लिए अपना समर्थन दोहराया, जिसकी वजह से 2006 में इजरायल और ईरान समर्थित आतंकवादी समूह हिजबुल्ला के बीच युद्ध खत्म हुआ था।
हजारों लोगों ने छोड़ा अपना घर
अमेरिका को उम्मीद है कि नए समझौते से इजराइल और लेबनान के बीच सीमा पर दीर्घकालिक स्थिरता कायम हो सकती है। पिछले कुछ महीनों में इजरायल और हिजबुल्ला के बीच गोलीबारी के कारण हजारों लोग अपने घर छोड़ चुके हैं और पिछले हफ्ते हमले बढ़ने से मध्य पूर्व में व्यापक युद्ध की आशंकाएं पैदा हो गई हैं।अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि संघर्ष विराम की प्रक्रिया में हिजबुल्ला को शामिल नहीं किया जाएगा बल्कि उनका मानना है कि लेबनान की सरकार हिजबुल्ला से बात करेगी।
अधिकारियों ने उम्मीद जताई कि इजरायल प्रस्ताव का समर्थन करेगा और शुक्रवार को जब इजरायली प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना भाषण देंगे तो शायद इसे स्वीकार भी कर लेगा। यह संघर्ष विराम केवल इजरायल-लेबनान सीमा पर लागू होगा। अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि वे तीन सप्ताह तक लड़ाई रुकवाकर संघर्ष विराम को लेकर रुकी हुई वार्ता फिर से शुरू कराने का प्रयास करेंगे।
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इन देशों ने संघर्ष विराम का किया आह्वान
संघर्ष विराम का आह्वान करने वालों में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, यूरोपीय यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और कतर शामिल हैं।
(इनपुट: भाषा)
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