बन गई चिकनगुनिया की पहली वैक्सीन, जानें इस वायरस के लक्षण, इलाज और जरूरी बातें

First Vaccine For Chikungunya: दवा नियामक ने ये जानकारी अमेरिका ने चिकनगुनिया वायरस के खिलाफ पहले टीके को मंजूरी दे दी है। संक्रमित मच्छरों के काटने से यह बीमारी मनुष्यों में फैलती है। बता दें, पहली बार 1952 में चिकनगुनिया बीमारी पूर्वी अफ्रीका में पाई गई थी। आपको इस वायरस से जुड़ी अहम बातें बताते हैं।

चिकनगुनिया वायरस के खिलाफ पहले टीके को मंजूरी। (तस्वीर- Freepik)

Chikungunya News: अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारियों ने गुरुवार को चिकनगुनिया के लिए दुनिया के पहले टीके को मंजूरी दे दी, यह वायरस संक्रमित मच्छरों से फैलता है जिसे खाद्य एवं औषधि प्रशासन (Food and Drug Administration) ने "एक उभरता हुआ वैश्विक स्वास्थ्य खतरा" कहा है। एफडीए ने कहा कि यूरोप के वलनेवा द्वारा विकसित वैक्सीन, जिसे इक्स्चिक (Ixchiq) नाम के तहत विपणन किया जाएगा, को 18 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए अनुमोदित किया गया था, जिनके जोखिम में वृद्धि हुई है।

इन इलाकों में काफी प्रचलित है चिकनगुनिया

अमेरिकी दवा नियामक द्वारा Ixchiq को हरी झंडी मिलने से उन देशों में वैक्सीन के रोलआउट में तेजी आने की उम्मीद है जहां वायरस सबसे अधिक प्रचलित है। चिकनगुनिया, जो बुखार और गंभीर जोड़ों के दर्द का कारण बनता है, अफ्रीका, दक्षिण पूर्व एशिया और अमेरिका के कुछ हिस्सों के उष्णकटिबंधीय (tropical) और उपोष्णकटिबंधीय (subtropical) इलाकों में सबसे अधिक प्रचलित है।

चिकनगुनिया के लक्षण, जानिए जरूरी बातें

वायरल संक्रमण चिकनगुनिया के लक्षण आमतौर पर 10 से 12 दिनों तक रहते हैं। इस बीमारी में तेज बुखार, जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, थकान, कमजोरी, चक्कर आना, उल्टी, जी मिचलाना, चकत्ते और दाने की समस्याएं और लक्षण देखे जाते हैं। यह एक प्रकार की वायरल संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। मतलब ये कि चिकनगुनिया मच्छरों से मनुष्यों में फैलती है। इस बीमारी के लक्षण डेंगू से काफी मिलते-जुलचे हैं। एशिया और अफ्रीका महाद्वीप के देशों में चिकनगुनिया के काफी मामले आते हैं। साल 1952 में पहली बार ये बीमारी पूर्वी अफ्रीका में पाई गई थी।

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