'हिंसा सही ठहराने के लिए कोई भी दलील स्वीकार्य नहीं', भारतीय छात्रों को निशाना बनाने पर व्हाइट हाउस की प्रतिक्रिया

US condemns attacks on Indian students : भारतीय छात्रों पर हुए हमलों एवं उनकी मौत पर वहां पढ़ाई करने वाले छात्र दहशत में हैं। वे डर के साए में जी रहे हैं। छात्रों पर हुए हमलों पर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि पांच भारतीय छात्र हैं जिनकी मौत हुई है।

अमेरिका में हाल के दिनों में भारतीय छात्रों पर हुए हैं हमले।

US condemns attacks on Indian students : अमेरिका के अलग-अलग हिस्सों हाल के दिनों में भारतीय छात्रो पर हुए हमलों पर व्हाइट हाउस ने निंदा की है। व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा है कि हिंसा को किसी तरह से भी जायज नहीं ठहराया जा सकता। भारतीय अमेरिकी समुदाय और भारतीय समुदाय के छात्रों पर हुए हमलों के बारे में पूछे जाने पर किर्बी ने मीडिया से कहा कि 'हिंसा को सही ठहराने के लिए कोई दलील स्वीकार नहीं की जा सकती। धर्म, लिंग या किसी आधार पर इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। यह अमेरिका में अस्वीकार्य है।'

कानूनी रूप से जवाबदेह ठहराया जाएगा-किर्बी

किर्बी ने कहा, 'इस तरह के हमलों को रोकने के लिए राष्ट्रपति और उनका प्रशासन काफी तत्परता एवं गंभीरता से काम कर रहा है। स्थानीय अधिकारियों को ऐसे हमलों को टालने के लिए निर्देश दिए गए हैं। अधिकारियों को साफ निर्देश हैं कि यदि कोई इस तरह की हिंसा करता है या नुकसान पहुंचाने का इरादा रखता है तो कानूनी रूप से उसकी जवाबदेही तय की जाए।' रिपोर्टों की मानें तो पिछले कई सप्ताह में हुए हमलों में कम से कम चार भारतीय अमेरिकी छात्रों की जान गई है।

छात्र विवेक सैनी की हुई हत्या

गत जनवरी में जॉर्जिया के लिथोनिआ में भारतीय छात्र विवेक सैनी की एक सनकी युवक ने हत्या कर दी। सैनी पढ़ाई के साथ-साथ एक स्टोर में काम भी करते थे। जबकि छात्र सैयद मजाहिर अली पर इसी महीने हमला हुआ। इलियोनिस यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले अकुल धवन और गत जनवरी में पर्ड्यू विश्वविद्यालय के छात्र नील आचार्य की मौत हुई। इसी महीने ओहायो में छात्र श्रेयस रेड्डी का शव मिलाी।

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