अमेरिका ने बढ़ाई ईरान की टेंशन, कहीं इजरायल पर मिसाइल हमला कर गलती तो नहीं कर दी...?

Israel Iran War: इजरायल के खिलाफ खुलकर एक्शन लेना किसी भी देश को भारी पड़ सकता है, ये संकेत सुपरपावर कहे जाने वाले अमेरिका ने दे दिया है। अमेरिका ने इजरायल पर किये गये बैलेस्टिक मिसाइल हमलों के जवाब में ईरान पर और प्रतिबंध लगाये हैं। आपको सारा माजरा तफसील से समझाते हैं।

US on Israel Iran War

अमेरिका ने इजराइल पर किये गये बैलेस्टिक मिसाइल हमलों के जवाब में ईरान पर और प्रतिबंध लगाये।

US with Israel: अमेरिका ने इजरायल पर ईरान द्वारा एक अक्टूबर को करीब 180 मिसाइलें दागे जाने के जवाब में शुक्रवार को उसके (ईरान के) ऊर्जा क्षेत्र पर नयी पाबंदियों की घोषणा की। ईरान ने कहा था कि इजरायल ने हाल के सप्ताह में लेबनान में हिजबुल्ला पर जो एक के बाद एक भीषण हमले किये, उसी के जवाब में उसने उसपर मिसाइलें दागीं।

इजरायल पर ईरान ने किया था मिसाइल हमला

हिजबुल्ला को ईरान का समर्थन प्राप्त है। हिजबुल्ला तब से इजरायल पर रॉकेट दाग रहा है जब गाजा में लड़ाई शुरू हुई थी। अमेरिका ने शुक्रवार को जिन पाबंदियों की घोषणा की है उनमें ईरान के तथाकथित जहाजों के ‘गुप्त बेड़े’ तथा संबंधित कंपनियों पर प्रतिबंध शामिल है। ये जहाज और कंपनियां संयुक्त अरब अमीरात, लाइबेरिया, हांगकांग और अन्य भूभागों में फैली हैं तथा वे कथित रूप से एशिया में खरीददारों के वास्ते ईरानी तेल की ढुलाई में लगी हैं।

इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने ईरान से पेट्रोलियम और पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री और ढुलाई का इंतजाम करने के आरोप में सूरीनाम, भारत, मलेशिया और हांगकांग स्थित कंपनियों का एक नेटवर्क भी नामित किया है।

बढ़ सकती हैं उन वैश्विक वस्तुओं की कीमतें

वर्तमान अमेरिकी कानून ईरान के ऊर्जा क्षेत्र के साथ-साथ ईरानी तेल खरीदने, बेचने और ढुलाई करने वाली विदेशी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का अधिकार देता है। लेकिन ऊर्जा प्रतिबंध अक्सर एक नाजुक मुद्दा रहा है क्योंकि आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाने से उन वैश्विक वस्तुओं की कीमतें बढ़ सकती हैं जिनकी अमेरिका और उसके सहयोगियों को ज़रूरत है।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि 'नए प्रतिबंध ईरान को उन वित्तीय संसाधनों से और वंचित करेंगे जिसका उपयोग वह अपने मिसाइल कार्यक्रमों के वास्ते तथा आतंकवादी संगठनों का सहयोग करने के लिए करता है क्योंकि ये आतंकवादी संगठन अमेरिका, उसके मित्रों एवं सहयोगियों के लिए खतरा पैदा करते हैं।'

इन दंडात्मक कदमों का लक्ष्य उन्हें (ईरानियों या ईरान समर्थित लोगों को) अमेरिकी वित्तीय तंत्र का इस्तेमाल करने तथा अमेरिकी नागरिकों को उनके साथ कारोबारी संबंध बनाने से रोकना है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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