अमेरिका ने दिया झटका, H-1B और नॉन-इमीग्रेंट वीजा के लिए फीस में की भारी बढ़ोतरी
2016 के बाद पहली बार हुई शुल्क बढ़ोतरी 1 अप्रैल, 2024 से लागू होगी। जानिए कितनी फीस बढ़ाई गई है।
अमेरिका ने बढ़ाई वीजा फीस
H-1B Visa Fee Increases: अमेरिका ने भारतीयों के बीच सबसे लोकप्रिय गैर-आप्रवासी वीजा जैसे एच-1बी (H-1B), एल-1 () और ईबी-5 (EB-5) की विभिन्न श्रेणियों के लिए शुल्क में भारी बढ़ोतरी का ऐलान किया है। 2016 के बाद पहली बार हुई शुल्क बढ़ोतरी 1 अप्रैल, 2024 से लागू होगी। एच-1बी वीजा एक गैर-आप्रवासी वीजा है जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कामगारों को विशेष व्यवसायों में कार्य करने की अनुमति देता है। इन कामों के लिए सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर रहती हैं।संबंधित खबरें
जानिए कितनी बढ़ी फीस
1990 में अमेरिकी सरकार द्वारा शुरू किया गया ईबी-5 कार्यक्रम के तहत उच्च नेटवर्थ वाले विदेशी निवेशकों को अमेरिकी व्यवसाय में न्यूनतम 5,00,000 डॉलर का निवेश करके अपने और परिवार के लिए अमेरिकी वीजा मिल सकता है और इसमें 10 अमेरिकियों को भी नौकरी देने का प्रावधान है। H-1B आवेदन वीजा शुल्क, 460 डॉलर से बढ़ाकर 780 डॉलर कर दिया गया है। वहीं, एच-1बी रजिस्ट्रेशन अगले साल से 10 डॉलर से बढ़कर 215 डॉलर हो जाएगा। शुल्क 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा। संबंधित खबरें
बुधवार को जारी एक संघीय अधिसूचना के अनुसार, एल-1 वीजा का शुल्क 460 डॉलर से बढ़ाकर 1,385 डॉलर कर दिया गया है और निवेशक वीजा के रूप में लोकप्रिय ईबी-5 वीजा का शुल्क 3,675 डॉलर से बढ़कर 11,160 डॉलर हो गया है। एल-1 वीजा अमेरिका में एक गैर-आप्रवासी वीजा श्रेणी है जिसे इंट्राकंपनी ट्रांसफर के लिए बनाया गया है। यह बहुराष्ट्रीय कंपनियों को अपने विदेशी कार्यालयों से कुछ कर्मचारियों को अस्थायी रूप से अमेरिका में काम करने के लिए यहां आने की अनुमति देता है। संबंधित खबरें
डीएचएस ने कहा, इससे सबको होगा फायदा
होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने अपने संघीय अधिसूचना में कहा कि शुल्क समायोजन, साथ ही संयुक्त राज्य नागरिकता और आव्रजन सेवाओं (USCIS) द्वारा उपयोग किए जाने वाले फॉर्म और शुल्क दरों में बदलाव के बाद कुल लागत, लाभ और ट्रांसफर पेमेंट बढ़ेगा। यूएस डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) ने तर्क दिया कि अंतिम नियम में बदलाव से उसे और आव्रजन लाभ चाहने वाले आवेदकों/याचिकाकर्ताओं को भी कई लाभ मिलेंगे।संबंधित खबरें
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