ड्रैगन से दोस्ती बढ़ा रहा अमेरिका! विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन फिर जाएंगे चीन, यात्रा का भारत पर कितना असर?
Antony Blinken China Visit: एंटनी ब्लिंकन के चीन दौरे के बीच खबर है कि अमेरिका ने ड्रैगन के खिलाफ फिर से एक्शन लिया है। लंबी दूरी की मिसाइल सहित पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के लिए उपकरणों की आपूर्ति करने के लिए अमेरिका ने तीन चीनी कंपनियों और बेलारूस की एक कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है।
अमेरिका विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन चीन की करेंगे यात्रा।
Antony Blinken China Visit: अमेरिका और चीन के तल्ख रिश्तों के बीच फिर से दोस्ती की सुगबुगाहट शुरू हुई है। खबर है कि अमेरिकी विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन फिर से चीन की यात्रा करेंगे। अमेरिका की ओर से कहा गया है कि एंटनी ब्लिंकन अगले सप्ताह दो दिवसीय चीन दौरे पर जाएंगे। वह 24-26 अप्रैल के बीच चीन की यात्रा करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर बातचीत की संभावना है।
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खास बात यह है कि एंटनी ब्लिंकन की एक साल से भी कम समय में चीन की यह दूसरी यात्रा होगी। बीते साल जून में भी ब्लिंकन ने चीन की यात्रा की थी, इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की। रूस-यूक्रेन में छिड़े युद्ध और मिडिल ईस्ट में तनाव के बीच ब्लिंकन की इस यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इन मुद्दों पर होगी बातचीत
अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से कहा गया है कि विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन 24-26 अप्रैल को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) की यात्रा करेंगे। वह शंघाई और बीजिंग में ची के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान मध्य पूर्व में संकट, यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध, क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दों और दक्षिण चीन सागर सहित कई द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एंटनी ब्लिंकन बीजिंग पर रूस के लिए युद्धकालीन समर्थन पर अंकुश लगाने के लिए दबाव भी डाल सकते हैं।
दो महाशक्तियों के बीच नई दोस्ती
एक साल के अंदर एंटनी ब्लिंकन की चीन की दूसरी यात्रा के कई महत्वपूर्ण पहलू हैं। दो महाशक्ति देशों के बीच उभर रही नई दोस्ती पर दुनिया के कई देश नजरें लगाए हुए हैं। दरअसल, बीते कुछ सालों में अमेरिका और चीन के आपसी संबंध सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं। दुनिया के कई देशों को आशंका है कि चीन और अमेरिका के बीच संबंध यूं ही खराब होते गए तो वर्ल्ड इकोनॉमी पर तो असर पड़ेगा ही, साथ ही वैश्विक शांति के लिए भी यह खतरा बन सकता है। ऐसे में ब्लिंकन की दूसरी चीन यात्रा को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
भारत पर असर?
गौरतलब है कि भारत और अमेरिका के संबंध सबसे बेहतर दौर से गुजर रहे हैं। अमेरिका रक्षा सौदों में रूस की जगह भारत का विकल्प बनना चाहता है। वहीं, उसे यह भी उम्मीद है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते जा रहे चीन के प्रभाव की काट भारत ही है। ऐसे में सवाल उठता है कि अगर अमेरिका के रिश्ते चीन के साथ सुधरते हैं तो क्या अमेरिका को भारत की उतनी जरूरत नहीं होगी? विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका-चीन की दोस्ती से भारत और चीन के रिश्ते भी बेहतर हो सकते हैं और सीमा विवाद को भुलाकर दोनों देश व्यापारिक और सामरिक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ सकते हैं। बता दें, भारत और चीन के खराब संबंधों के बावजूद दोनों देशों के बीच आपसी व्यापर फल-फूल रहा है।
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