'मणिपुर में मानवाधिकारों का हनन हुआ...' अमेरिकी रिपोर्ट में दावा- 60 हजार से ज्यादा लोग हुए विस्थापित

US report on human rights in Manipur: अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के बाद राज्य में व्यापक तौर पर मानवाधिकारों का हनन हुआ है। दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में करीब 200 लोग मारे गए और मई से नवंबर के बीच मणिपुर में करीब 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए।

Manipur Violence

मणिपुर हिंसा

US report on human rights in Manipur: भारत में हाल ही में लागू किए गए नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के बाद अब मणिपुर पर भी अमेरिकी रिपोर्ट जारी की गई है। मानवाधिकारों पर इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के बाद राज्य में व्यापक तौर पर मानवाधिकारों का हनन हुआ है। दरअसल, बीते दिनों मणिपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच जातीय हिंसा हुई थी, जिस कारण लंबे समय तक मणिपुर अशांत रहा।

अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो समुदायों के बीच हुई हिंसा में करीब 200 लोग मारे गए और मई से नवंबर के बीच मणिपुर में करीब 60 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस घटना को शर्मनाक बताया है और मामले पर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। अमेरिकी संसद द्वारा स्वीकार की गई विदेश विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में अन्य कई मुद्दों को भी शामिल किया गया है।

राहुल गांधी को सजा मामले का भी उल्लेख

अमेरिकी संसद द्वारा स्वीकार की गई विदेश विभाग की वार्षिक रिपोर्ट में पीएम मोदी के खिलाफ डॉक्यूमेंट्री के बाद ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (BBC) के कार्यालय पर कर अधिकारियों द्वारा छापेमारी और गुजरात की एक अदालत द्वारा एक मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दोषी ठहराए जाने और उन्हें दो साल की सजा का भी उल्लेख किया गया है।

कई सकारात्मक घटनाक्रमों का भी जिक्र

विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में वर्ष 2023 में मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति एवं एकत्र होने की स्वतंत्रता के मुद्दे पर कुछ सकारात्मक घटनाक्रम का भी उल्लेख किया गया है। इसमें जुलाई में, भारत सरकार ने कश्मीर के मुख्य शहर श्रीनगर में एक जुलूस की अनुमति दी, जिससे शिया मुसलमानों को धार्मिक मुहर्रम कार्यक्रम मनाने की अनुमति मिल गई। यह जुलूस 1989 में प्रतिबंधित किया गया था।

सीएए पर भी जारी की गई थी रिपोर्ट

इससे पहले भारत में लागू किए गए सीएए पर भी अमेरिकी रिपोर्ट जारी की गई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सीएए के प्रावधान भारतीय संविधान के कुछ अनुच्छेदों का उल्लंघन कर सकते हैं। इसे भारतीय मुसलमानों और अल्पसंख्यकों के लिए खतरा बताया गया था।

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