CAA के लागू होने के बाद अमेरिका की पहली प्रतिक्रिया, भारतीय कानून पर कही यह बात

US reaction on CAA : सीएए को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर है। विपक्ष की दलील है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान का उल्लंघन है। उसकी आपत्ति मुस्लिम समुदाय को इससे बाहर रखने पर भी है।

सीएए के लागू होने पर अमेरिका ने दी प्रतिक्रिया।

US reaction on CAA : भारत में नागरिकता संशोधन विधेयक (CAA) के लागू होने के बाद अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह भारत में सीएए की अधिसूचना जारी होने को लेकर 'चिंतित है और इस कानून के क्रियान्यवन पर उसकी करीबी नजर है।' अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने गुरुवार को अपनी नियमित ब्रीफिंग में प्रेस से कहा, '11 मार्च को जारी हुए सीएए की अधिसूचना के बारे में हम चिंतित हैं।'

धार्मिक आजादी बुनियादी लोकतांत्रित सिद्धांत-अमेरिका

एक सवाल के जवाब में मिलर ने कहा, 'किस तरह से इस कानून को लागू किया जा रहा है, इस पर हमारी करीबी नजर है। धार्मिक आजादी और सभी समुदायों के साथ समान व्यवहार का आदर बुनियादी लोकतांत्रित सिद्धांत हैं।' बता दें कि भारत सरकार ने गत 11 मार्च को सीएए की अधिसूचना जारी कर दी। इस अधिसूचना के साथ यह कानून देश भर में लागू हो गया। इस कानून के तहत धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए छह अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन एवं पारसी को भारतीय नागरिकता दी जाएगी।

सीएए का विरोध कर रहा विपक्ष

गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि यह कानून देश के नागरिकों के संबंधित नहीं है। यह नागरिकता देने वाला कानून है,नागरिकता छीनने वाला नहीं। हालांकि, विपक्ष इसे लेकर सरकार पर हमलावर है। विपक्ष की दलील है कि धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान का उल्लंघन है। उसकी आपत्ति मुस्लिम समुदाय को इससे बाहर रखने पर भी है। इस कानून का सबसे ज्यादा विरोध पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी कर रही हैं। ममता का कहना है कि सीएए के बाद सरकार एनआरसी लेकर आएगी।

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