अमेरिका हुआ भारत की अर्थव्यवस्था का मुरीद, कहा- हम बनना चाहते हैं इस चमत्कार का हिस्सा
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि अमेरिका नई दिल्ली के आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहता है।
अमेरिका हुआ भारत की अर्थव्यवस्था का मुरीद
India's Growing Economy: भारत की लगातार बढ़ती अर्थव्यवस्था ने दुनिया के हर देश का ध्यान खींचा है। दुनिया की नंबर 1 अर्थव्यवस्था वाला देश अमेरिका भी भारत के बढ़ते कदम को लेकर प्रभावित है। दक्षिण एशिया के लिए नियुक्त बाइडन प्रशासन के एक प्रमुख अधिकारी ने कहा कि भारत जितना अधिक बढ़ेगा, यह भारत के लिए, अमेरिका के लिए और दुनिया के लिए बेहतर है।
भारत के आर्थिक चमत्कार का बनना चाहते हैं हिस्सा
दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू ने कहा कि अमेरिका नई दिल्ली के आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहता है। वैश्विक आर्थिक मंदी के बावजूद पिछले कई वर्षों से सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख विश्व अर्थव्यवस्थाओं में से एक भारत अब 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था है और उसने अब एक दशक में 10 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। साथ ही 2047 तक देश एक विकसित देश बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है।
डोनाल्ड लू ने गुरुवार को एक साक्षात्कार में कहा कि हम आपके आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहते हैं। हम अपनी अर्थव्यवस्था को समावेशी तरीके से विकसित करने के भारत के लक्ष्य का पुरजोर समर्थन करते हैं। भारत जितना अधिक विकास करेगा, यह भारत के लिए, अमेरिका के लिए और विश्व के लिए उतना ही अच्छा होगा। एक समृद्ध भारत के पास जलवायु परिवर्तन और भविष्य की महामारियों जैसी वैश्विक समस्याओं से निपटने में मदद के लिए अधिक संसाधन होंगे।
द्विपक्षीय व्यापार में सात फीसदी की अतिरिक्त वृद्धि
उन्होंने कहा कि अमेरिका को 200,000 से अधिक भारतीय छात्रों की मेजबानी करने पर गर्व है, जो अमेरिकी विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दरअसल, कुछ दिन पहले ही हमारे पास भारत के वाणिज्य मंत्रालय के शुरुआती आंकड़े हैं, जिससे पता चलता है कि हमारे द्विपक्षीय व्यापार और सामान में सात फीसदी की अतिरिक्त वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि इससे दोनों अर्थव्यवस्थाओं को विस्तार करने में मदद मिलती है और स्पष्ट होता है कि और अधिक प्रगति की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि व्यापार नीति फोरम में, वाणिज्यिक संवाद में, सीईओ फोरम में हमारी चर्चाओं ने हमारी अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाने में मदद की है।
मजबूत और समृद्ध भारत अमेरिका के लिए अच्छा
उन्होंने कहा, साथ ही हम इस साल जनवरी में शुरू की गई क्रिटिकल इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज के लिए पहल के जरिए अंतरिक्ष से कृत्रिम बुद्धिमत्ता से लेकर क्वांटम कंप्यूटिंग तक, भविष्य की तकनीकों पर अपने सहयोग को गहरा करना चाहते हैं। एक मजबूत और समृद्ध भारत अमेरिका के लिए अच्छा है। हम आपके आर्थिक चमत्कार का हिस्सा बनना चाहते हैं।
भारत के साथ अमेरिकी वस्तुओं और सेवाओं का व्यापार 2019 में अनुमानित रूप से 146.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और 2022 में बढ़कर 192 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया। इस वर्ष अमेरिका चीन को पछाड़कर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। उपराष्ट्रपति रहने के दौरान राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारत की यात्रा के दौरान कहा था कि द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य प्रति वर्ष 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर होना चाहिए। भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, वित्त वर्ष 2020-21 में भारत को 81.72 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि का अब तक का सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) मिला है।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें
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