बांग्लादेश में हिंदुओं के हालातों पर अमेरिका भी सख्त, बोला- 'हम निगरानी कर रहे'

Violence Against Hindus In Bangladesh: भारतीय-अमेरिकी सांसदों ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी। इसके जवाब में व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह हालातों की निगरानी कर रहा है।

Joe Biden

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन।

Violence Against Hindus In Bangladesh: बांग्लादेश में शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हमले बढ़ गए हैं। हिंदुओं के हालातों पर अब अमेरिका ने भी चिंता जताई है। अमेरिका के राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया है कि वह बांग्लादेश के हालात पर निगरानी जारी रखेगा। उसने इस बात पर भी बल दिया कि राष्ट्रपति जो बाइडन मानवाधिकार के मुद्दों पर स्पष्ट और बेबाक तरीके से बोलते रहेंगे।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे, हिंदू-अमेरिकी समूहों और भारतीय-अमेरिकी सांसदों की उस अपील के संबंध में पूछे गए सवालों का जवाब दे रही थीं, जिसमें उन्होंने शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के जीवन और संपत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अमेरिकी सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की थी।

हालात की निगरानी करते रहेंगे

ज्यां-पियरे ने सोमवार को अपने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हम निश्चित रूप से हालात पर निगरानी जारी रखेंगे। मेरे पास इसके अलावा और कुछ कहने को नहीं है। लेकिन, जब भी मानवाधिकार से जुड़े मुद्दों की बात आती है तो राष्ट्रपति (जो बाइडन) सार्वजनिक रूप से और निजी तौर पर स्पष्ट तथा बेबाक तरीके से बोलते रहे हैं और ऐसे ही बोलते रहेंगे। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय के कथित मानवाधिकार हनन की घटनाओं के खिलाफ पिछले कुछ दिन से अमेरिका के विभिन्न शहरों में सैकड़ों हिंदू-अमेरिकी नागरिकों की ओर से शांतिपूर्ण विरोध मार्च निकाले जा रहे हैं। रविवार को अटलांटा में एक मार्च को संबोधित करते हुए, सांसद शॉन स्टिल ने अमेरिकी विदेश विभाग से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और हितों को सुनिश्चित करने की अपील की थी। कई अन्य सांसदों ने भी ऐसे ही विचार व्यक्त करते हुए इस मांग को दोहराया था।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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