चीन के बाद अब उत्तर कोरिया का दौरा, क्या नया ब्लॉक खड़ा कर रहे व्लादिमीर पुतिन?

Vladimir Putin North Korea Visit : पुतिन और उन की मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध से रूस और पुतिन पर दबाव है। यूक्रेन पर हमला जारी रखने के लिए उन्हें अलग-अलग तरह के हथियारों की जरूरत है। उनकी इस यात्रा को हथियारों की आपूर्ति से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

Vladimir putin

उत्तर कोरिया की यात्रा पर व्लादिमीर पुतिन।

Vladimir Putin North Korea Visit : रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की उत्तर कोरिया की यात्रा चर्चा में है। ऐस इसलिए कि दो दशक के बाद रूस का कोई राष्ट्रपति इस देश की यात्रा पर पहुंचा है। पुतिन की उत्तर कोरिया की यह दूसरी यात्रा है। इससे पहले उन्होंने साल 2000 में यहां की यात्रा की थी इस प्योंगयांग एयरपोर्ट पर उत्तर कोरिया के शासक किम जॉन्ग उन ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इससे पहले मई महीने में पुतिन ने चीन का दौरा किया था। यूकेन युद्ध के बाद पश्चिमी देशों के दबाव एवं उनके प्रतिबंधों को देखते हुए पुतिन की विदेश यात्राएं सीमित हो गई हैं। वह चुनिंदा देशों की यात्राएं ही कर पा रहे हैं। पुतिन गत मई में चीन के दौरे पर गए थे।

नया समूह बना सकते हैं पुतिन

ऐसे में जानकारों का मानना है कि पुतिन एक नया ब्लॉक खड़ा करने की कोशिश कर सकते हैं। यह नया ब्लॉक रूस, चीन और उत्तर कोरिया का हो सकता है। उत्तर कोरिया को लेकर अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के मन में कई तरह की शंकाएं हैं। अब पुतिन और उन की मुलाकात उन पर दबाव बनाने का काम करेगी। हालांकि, उत्तर कोरिया और रूस के संबंध अभी उतने मजबूत नहीं हैं जितने कि सोवियत रूस के समय हुआ करते थे। फिर भी यह मुलाकात पश्चिमी देशों को खटक सकती है क्योंकि वैश्विक स्तर पर इसके कई मायने हैं।

रूस को है हथियारों की जरूरत

पुतिन और उन की मुलाकात को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। रिपोर्टों में कहा गया है कि यूक्रेन युद्ध से रूस और पुतिन पर दबाव है। यूक्रेन पर हमला जारी रखने के लिए उन्हें अलग-अलग तरह के हथियारों की जरूरत है। उनकी इस यात्रा को हथियारों की आपूर्ति से भी जोड़कर देखा जा रहा है। रिपोर्टों की मानें तो ईरान ने भी रूस को ड्रोन की आपूर्ति की है। हालांकि, वह इससे इंकार करता आया है। पुतिन को लगता है कि युद्ध की जरूरतें चीन और उत्तर कोरिया से पूरी हो सकती हैं। यही नहीं, यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस को अलग-थलग करने के लिए पश्चिमी देश लगातार कोशिशें कर रहे हैं। उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट भी जारी हो चुका है।

मिसाइल तकनीक में मदद कर सकता है रूस

इस गिरफ्तारी के डर से रूसी राष्ट्रपति की विदेश यात्राएं काफी हद तक सीमित हो गई हैं। वह चुनिंदा देशों की यात्रा ही कर पा रहे हैं। ऐसे में पुतिन की सोच अपने लिए एक नया ब्लॉक खड़ा कर अमेरिका और पश्चिमी देशों को एक बड़ी चुनौती देने की भी हो सकती है। जाहिर है कि ये तीन अगर एक साथ एक मंच पर औपचारिक रूप से यदि खड़े हो जाते हैं तो यह अमेरिका के लिए एक बड़ी चुनौती होगी। सैन्य और आर्थिक रूप से सशक्त चीन कई तरीके से रूस की मदद कर सकता है। उत्तर कोरिया भी अपने घातक हथियार क्रेमलिन भेज सकता है। रूस, चीन और उत्तर कोरिया के परमाणु हथियारों को जोड़ दें इनकी संख्या पांच हजार के करीब पहुंच जाएगी। उत्तर कोरिया लगातार मिसाइलों का परीक्षण करता रहा है। उसकी मिसाइलें अमेरिका तक मार करने की क्षमता हासिल करने के करीब पहुंच गई हैं। यह भी हो सकता है कि रूस इस दिशा में उसे तकनीकी मदद मुहैया करा दे।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दुनिया (world News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited