Russia-Ukraine War: जंग जीतने के लिए पुतिन ने निकाला 'खौफनाक हथियार', दहशत में रूसी सैनिक भी

Russia-Ukraine War: पुतिन की इस प्राइवेट आर्मी में बीमार कैदियों की भर्ती के बारे में यूक्रेन के सैन्य खुफिया विभाग का कहना है कि इससे रूस के नियमित सैनिकों में नाराजगी बढ़ रही है। ऐसे सैनिकों को दूसरे जवानों से अलग रखा जा रहा है। 'सामान्य सैनिकों' से इन्हें मिलने-जुलने से रोका जा रहा है।

पुतिन की प्राइवेट आर्मी में अब कैदियों की हो रही भर्ती।

मुख्य बातें
  • रूस और यूक्रेन के बीच करीब आठ महीनों से जंग चल रही है
  • अब तक के इस युद्ध में दोनों देशों को भारी नुकसान हुआ है
  • पुतिन की प्राइवेट आर्मी में बीमारियों से पीड़ित कैदियों की भर्ती हो रही है

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच आठ महीने से जंग जारी है। युद्ध के इन आठ महीनों में दोनों पक्षों की भारी नुकसान हुआ है। हमले रुक नहीं रहे हैं। क्रीमिया के पुल पर हमले के बाद रूस बेहद आक्रामक हो गया। उसने यूक्रेन की राजधानी कीव सहित उसके कई शहरों पर मिसाइल और ड्रोन से हमले किए। रूस के ताजा मिसाइल हमलों में यूक्रेन में बिजली संकट पैदा हो गया है। यूक्रेन की एक बड़ी आबादी अंधेरे में है। रिपोर्टों की मानें तो रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन पर और ज्यादा घातक हमले की तैयारी शुरू कर दी है।

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एचआईवी-हेपेटाइटिस से पीड़ित कैदियों की भर्ती

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ब्रिटेन की इेंटेलिजेंस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस का वैग्नर ग्रुप जिसे पुतिन की प्राइवेट आर्मी के रूप में जाना जाता है, उसमें एचआईवी और हेपेटाइटिस सी सहित अन्य बीमारियों से पीड़ित सजायाफ्ता कैदियों की भर्ती की जा रही है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वैग्नर ग्रुप में भर्ती के मानदंड पहले ऊंचे थे क्योंकि इस समूह में नियमित सेना में अपनी सेवा दे चुके जवानों की भर्ती होती थी लेकिन बीमारियों से ग्रसित कैदियों की इस वैग्नर ग्रुप में भर्ती रूस की नई चाल की ओर इशारा करती है। रिपोर्ट के अनुसार इस समूह में शामिल 100 कैदियों की तैनाती हो चुकी है। इन्हें रंगीन कड़े पहनाए गए हैं और इन कड़ों पर उनकी बीमारी के बारे में लिखा है।

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