खेरासान से पीछे हटने को रूस की हार के रूप में दिखा रहा पश्चिमी मीडिया, जानिए क्या है प्रोपगैंडे का सच
Ukraine Russia war : दरअसल रूस-यूक्रेन महायुद्ध में नया मोड़ आ गया है। यूक्रेन में रूसी सेना के कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने रशियन सरकारी टीवी पर खेरसॉन से सैनिकों की वापसी की घोषणा कर दी और कहा कि रूसी सैनिक पूरी तरह से निप्रो नदी के पश्चिमी तट से पीछे हटेंगे।
खेरासान से पीछे हटी है रूस की सेना।
एंटी पुतिन वर्ल्ड लीडर्स जश्न मना रहे
रूस-यूक्रेन वॉर से जुड़ी दुनिया की ये वो हेडलाइंस हैं जिस पर एंटी रशिया और एंटी पुतिन वर्ल्ड लीडर्स जश्न मना रहे हैं और अपनी विजय गाथा सुना रहे हैं। पुतिन की पलटन ने यूक्रेन से कब्जाए गए इलाके खेरसॉन से वापसी का फैसला क्या किया, यूक्रेन से लेकर अमेरिका और NATO देशों ने डींगे हांकनी शुरू कर दी कि खेरसॉन शहर रूसी सेना नदी के पूर्वी किनारे पर वापस आ रही है।
महायुद्ध में आया नया मोड़
दरअसल रूस-यूक्रेन महायुद्ध में नया मोड़ आ गया है। यूक्रेन में रूसी सेना के कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन ने रशियन सरकारी टीवी पर खेरसॉन से सैनिकों की वापसी की घोषणा कर दी और कहा कि रूसी सैनिक पूरी तरह से निप्रो नदी के पश्चिमी तट से पीछे हटेंगे। यहां से पीछे हटने का मतलब है कि रूसी सैनिकों को खेरसॉन शहर खाली करना होगा।
'पुतिन मिट सकते हैं पर झुक नहीं सकते'
वजह चाहे जो भी हो लेकिन इधर रूस और पुतिन के दुश्मनों ने बीते 24 घंटे में एक नैरेटिव सेट कर दिया है कि अब यूक्रेन वॉर जल्द खत्म होगी। उन्होंने पुतिन की हार की उल्टी गिनती शुरू कर दी है और रूसी सेना के खेरसॉन से वापसी के फैसले को पुतिन के लिए अबतक का सबसे शर्मनाक पल करार दिया है। लेकिन ये बातें वहीं कर सकता है जो पुतिन को जानता नहीं है, पुतिन के पराक्रम से अनजान है। क्योंकि पुतिन के बारे में एक लाइन जरुर क्लियर है जिस पर किसी को कोई शक नहीं होना चाहिए। वो लाइन बिल्कुल क्लियर है। पुतिन मिट सकते हैं पर झुक नहीं सकते। वो भी यूक्रेन के सामने बिल्कुल नहीं।
रूसी सेना के पीछे हटने का सच क्या है
खेरसॉन से रूसी सेना के पीछे हटने का सच क्या है, झूठ क्या है, एजेंडा क्या है, नैरेटिव क्या है और हकीकत क्या है। सबकुछ आपको प्वाइंट बाइ प्वाइंट समझाते हैं। परमाणु युद्ध खतरे को देखते हुए अमेरिका ने यूक्रेन से कहा कि रूस से बात करो ताकि युद्ध विराम हो जाए। अमेरिका ने खुद भी रूस के साथ परमाणु हथियारों के लेकर अंदरखाने बातचीत शुरू कर दी है। और अब तो वॉरजोन से एक्सक्लूसिव जानकारी मिली है कि रूस और यूक्रेन के बीच सीक्रेट बातचीत शुरू भी हो गई है। दुनिया को परमाणु युद्ध से बचाने वाली इस बातचीत में भारत, चीन, जर्मनी और तुर्की शामिल हैं।
यूक्रेनी सेना को आगे बढ़ने से रोकने के लिए माइंस बिछाईं-रिपोर्ट
इसी का नतीजा है कि खेरसॉन में जंग रोकी गई है। रूसी सेना की तरफ से युद्ध का मैदान खाली नहीं किया गया है बल्कि जो जंग के मैदान की तस्वीरें हैं वो पहले से ज्यादा डरावनी हैं। ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों ने दावा किया है कि रूसी सेना ने खेरसॉन में यूक्रेनी सेना को आगे बढ़ने से रोकने के लिए जगह-जगह माइंस बिछा दी है। कई जगह पुलों को भी ब्लास्ट कर उड़ाने के आरोप लग रहे हैं। खेरसॉन से पुतिन की पलटने के पीछे हटने को जेलेंस्की स्वांग बता रहे हैं जबकि रूसी सेना का कहना है कि वो अपने सैनिकों और खासकर खेरसॉन की सिविलियन आबादी की जान बचाने के लिए पीछे हट रही है। रूस का कहना है कि युक्रेनी सेना खेरसॉन के काखोवका डैम पर लगातार हमले कर रही है ताकि जल प्रलय जैसे हालात बन जाएं और रूसी सेना के साथ-साथ आम आदमी को भारी नुकसान हो फिर रूस को इसका जिम्मेदार ठहरा दिया जाए।
यूक्रेन को वॉर्निंग दे रहे रूसी रक्षा मंत्री
कखोवका हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट के निचले क्षेत्र में जल प्रलय लाने की दुश्मन की साजिश के खतरनाक नतीजे हो सकते हैं। कखोवका डैम पर और इसके स्पिलवे गेट पर लगातार हो रहे मिसाइल हमलों से इसकी पुष्टि होती है। रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु भी इसे लेकर यूक्रेन को वॉर्निंग दे रहे हैं लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की यही तोहमत रूस पर मढ़ रहे हैं। ये कहते हुए कि अगर रूस ने काखोवका डैम उड़ाया तो ये पूरी दुनिया के लिए युद्ध का ऐलान होगा। जेलेंस्की ने कहा-रूसी सेना की तरफ से काखोवका हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट को उड़ाने की कोई भी कोशिश, यूक्रेनी क्षेत्र में बाढ़ और ज़ैपोरिज्जिया न्यूक्लियर पावर प्लांट को नष्ट करने का मतलब होगा कि रूस 'पूरी दुनिया के साथ युद्ध की घोषणा कर रहा है।'
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