Heatwave in Europe: इस बार यूरोप में क्यों पड़ रही भीषण गर्मी, क्या 48 डिग्री तापमान का रिकॉर्ड टूटेगा
शोध से संकेत मिलता है कि अत्यधिक गर्मी ने पहले ही यूरोप में आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे पिछले दशक में इसमें 0.5% तक की कमी आई है।
European Heatwave: यूरोप इस समय रिकॉर्डतोड़ गर्मी से जूझ रहा है। हर तरफ गर्मी कहर बरपा रही है और लोग इससे बचने की पुरजोर कोशिश करते दिख रहे हैं। छतरी लिए और पानी की बौछारों वाले नजारे आम हैं। इटली का हाल बेहद बुरा है। यहां तापमान 40 डिग्री सेल्सियस और 45 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की आशंका है। 2021 में सिसिली में 48.8 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया था जो यूरोप का सर्वाधिक तापमान का रिकॉर्ड है। आशंका है कि इस बार की गर्मी ये रिकॉर्ड तोड़ सकती है। चिलचिलाती गर्मी फ्रांस, स्पेन, पोलैंड और ग्रीस सहित अन्य दक्षिणी और पूर्वी यूरोपीय देशों में भी फैल गई है, जिससे पूरे क्षेत्र में लोकप्रिय छुट्टी मनाने की जगह जाने वाले लोगों ने अपना प्लान बदल लिया है।
सेर्बेरस नाम का एंटीसाइक्लोन जिम्मेदार
दरअसल, हीटवेव के लिए सेर्बेरस (Cerberus) नाम का एंटीसाइक्लोन जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ये एक उच्च दबाव प्रणाली है जो कम बादल बनाती है और कम हवा के साथ शुष्क मौसम लाती है। सहारा जैसे गर्म क्षेत्रों में बनने पर ये प्रणालियां कई दिनों या हफ्तों तक बनी रहती हैं, जिससे गर्म तापमान पैदा होता है। द कन्वर्सेशन की रिपोर्ट के अनुसार, इटालियन मौसम विज्ञान सोसायटी का अनुमान है कि सेर्बेरस हीटवेव लगभग दो सप्ताह तक बनी रहेगी। जलवायु परिवर्तन ऐसी चरम मौसमी घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लगातार तापमान बढ़ने से वायुमंडलीय परिसंचरण पैटर्न बदल रहा है, जिससे यूरोप में अत्यधिक तापमान और सूखे की घटनाएं बढ़ रही हैं।
संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व वाले इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) का शोध 1950 के दशक के बाद से ऐसी घटनाओं के बार-बार होने और इसके आकार में बढ़ोतरी की पुष्टि करता है। हीटवेव हीटस्ट्रोक और निर्जलीकरण सहित गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करती है, जो सांस और दिल की कार्यक्षमता प्रभावित कर सकती है। यूरोप में चल रही हीटवेव के दौरान पहले से ही गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याएं सामने आई हैं। इनमें एक इतालवी सड़क कर्मचारी की मौत और स्पेन और इटली में हीटस्ट्रोक के कई मामले शामिल हैं।
अत्यधिक गर्मी से यूरोप का आर्थिक विकास प्रभावित
निजी स्वास्थ्य से परे लू के व्यापक सामाजिक और आर्थिक परिणाम होते हैं। अत्यधिक गर्मी बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा सकती है, पानी की उपलब्धता कम कर सकती है, बिजली उत्पादन, फसल सिंचाई और पेयजल आपूर्ति को प्रभावित कर सकती है। 2022 में नदी के उच्च तापमान और कम जल स्तर के कारण फ्रांसीसी परमाणु संयंत्र पूरी क्षमता से चलने में असमर्थ हो गया था। शोध से संकेत मिलता है कि अत्यधिक गर्मी ने पहले ही यूरोप में आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव डाला है, जिससे पिछले दशक में इसमें 0.5% तक की कमी आई है।
हीटवेब और अधिक गंभीर होगी
जैसे-जैसे वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी जारी रहेगी, हीटवेब और अधिक गंभीर हो जाएंगी। दुनिया भर की सरकारों के लिए ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को तुरंत कम करने के लिए त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करना महत्वपूर्ण है। भले ही हम आज वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को रोक दें, फिर भी महासागरों द्वारा पहले से ही अवशोषित और बरकरार गर्मी के कारण जलवायु गर्म होती रहेगी। हालांकि हम देश ग्लोबल वार्मिंग की दर को धीमा करने में कामयाब हो जाएं, लेकिन भविष्य में भी जलवायु बदलाव का असर दिखता रहेगा।
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