क्या है बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जिसके नाम से पाकिस्तान में कांप जाते हैं चीनी नागरिक, कई को मार चुका है सरेआम गोली
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जिसे बीएलए (BLA) या बलूच लिबरेशन आर्मी के रूप में भी जाना जाता है। बीएलए मुख्य रूप से पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में एक्टिव है, जहां यह पाकिस्तान सशस्त्र बलों और विदेशी नागरिकों के खिलाफ हमले करता है।
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के हमले में 4 चीनी इंजीनियर्स की मौत
Balochistan Liberation Army: पाकिस्तान में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण प्रांत है, नाम है बलूचिस्तान, इसी प्रांत ोक अलग देश बनाने के लिए बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी वर्षों से हथियार उठाए है। पहले जहां बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के निशाने पर पाकिस्तानी सरकार के लोग और सेना रहते थे, वहीं हाल के दिनों में इसके निशाने पर मुख्य रूप से चीनी नागरिक आ गए हैं। एक के बाद एक हमलों में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने कई चीनी आम नागरिकों, इंजीनियरों की हत्या कर चुका है। कभी सरेआम गोली मारकर तो कभी बम में उड़ा कर।
क्या है बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी जिसे बीएलए (BLA) या बलूच लिबरेशन आर्मी के रूप में भी जाना जाता है। बीएलए मुख्य रूप से पाकिस्तान के सबसे बड़े प्रांत बलूचिस्तान में एक्टिव है, जहां यह पाकिस्तान सशस्त्र बलों और विदेशी नागरिकों के खिलाफ हमले करता है। बलूच आंदोलन की सशस्त्र शाखा बीएलए ने पाकिस्तान में कई हिंसक हमले किए हैं। इसके लगभग 6,000 कैडर बलूचिस्तान प्रांत और अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में फैले हुए हैं। बलूच आंदोलन, पाकिस्तान से भारत के अलग होने के बाद से चल रहा है। जिसका नेतृत्व बीएलए करते रहा है। इसे पहले अप्रत्यक्ष रूप से मैरी, बुगती, मेंगल और अन्य कुलों या सरदारों का समर्थन प्राप्त था। बीएलए विद्रोहियों का दावा है कि पाकिस्तानी सरकार बलूच लोगों और स्वदेशी बलूच जनजातियों को उचित हिस्सा दिए बिना प्रांत के संसाधनों का दोहन कर रहा है।
चीन के खिलाफ क्यों
बलूच लोग पाकिस्तानी सरकार के खिलाफ तो थे है, लेकिन जब बाद में चीन इस इलाके में घुसा तो यहां के लोग उसके खिलाफ भी हो गए। चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के लिए काम कर रहे कई चीनी इंजीनियरों और अधिकारियों को को बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी मार चुका है। ग्वादर बंदरगाह अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के केंद्र बिंदुओं में से एक है और बंदरगाह पर कई चीनी कर्मचारी काम करते हैं। चीन सीपीईसी के तहत बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है। उसका यहां प्रभाव बढ़ रहा है, जिससे स्थानीय लोग खफा हैं।
अभी चर्चा में क्यों
दरअसल रविवार को ही पाकिस्तान में चीनी इंजीनियरों के काफिले पर आत्मघाती हमला हुआ है। जिसमें 4 चीनी इंजीनियर समेत 13 लोग मारे गए हैं। जिसमें पाकिस्तानी सेना के जवान और आतंकी भी शामिल हैं। साथ ही 27 लोगों के घायल होने की भी खबर है। इस हमले की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी ने ली है।
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