रफाह में आखिर क्या हासिल करना चाहता है इजरायल, क्यों अमेरिका की भी नहीं सुन रहा

Israel Hamas War : इजरायल का मानना है कि उसके हमलों से बचने के लिए हमास के बचे-खुचे लड़ाके और उसका नेटवर्क यहां बना हुआ है। इजरायल पर हमलों के बाद नेतन्याहू ऐलान किया कि वह हमास के एक-एक सदस्य को खत्म करके रहेंगे। इसमें काफी हद तक उन्हें सफलता भी मिली है।

हमास ने गत 7 अक्टूबर को इजरायल पर किए थे भीषण हमले।

Israel Hamas War : हमास के खिलाफ लड़ाई में इजरायल का हर मोर्चे पर साथ देने वाला अमेरिका अब उस मजबूती के साथ प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ खड़ा दिखाई नहीं दे रहा जैसा कि गत सात अक्टूबर के हमलों के बाद वह यहूदी देश को समर्थन देता आया है। गाजा के दक्षिणी शहर रफाह पर सैन्य कार्रवाई के लिए नेतन्याहू जहां दृढ़ प्रतिज्ञ हैं, वहीं अमेरिका बार-बार आगाह कर रहा है कि यदि इस शहर पर इजरायल ने बड़े पैमाने पर हमले किए तो वह उसे सैन्य मदद एवं हथियारों की आपूर्ति नहीं करेगा।

हमला करने पर तुले नेतन्याहू, अमेरिका की भी नहीं सुन रहे

हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की इस चेतावनी का नेतन्याहू पर असर नहीं हुआ है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा है कि अमेरिकी मदद के बिना भी उनकी सेना अकेले हमास से लोहा लेगी। जाहिर है कि नेतन्याहू रफाह में इजरायल डिफेंस फोर्स (IDF) की बड़ी कार्रवाई करने का मन बना चुके हैं। इसकी शुरुआत सोमवार को हो भी गई। रफाह के इलाकों को निशाने बनाते हुए इजरायली सेना ने हमले शुरू किए। सवाल है कि रफाह पर नेतन्याहू बड़ा हमला करने के लिए क्यों तुले हैं? और हमास के खात्मे के लिए घातक गोला-बारूद एवं हथियारों का जखीरा इजरायल भेजने वाला अमेरिका इस शहर को क्यों हमलों से बचाना चाहता है?

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गाजा के दक्षिणी हिस्से में है रफाह

रिपोर्टों की मानें तो इसका जवाब खुद रफाह में छिपा है। दरअसल, रफाह गाजा के दक्षिण हिस्से में है। हमास के खिलाफ इजरायल के जमीनी एवं हवाई हमले शुरू होने के बाद लाखों की संख्या में लोगों ने यहां शरण ली हुई है। यहां शरणार्थी कैंप हैं। यह इलाका एक तरह से शरणस्थली बना हुआ है। जबकि इजरायल का मानना है कि उसके हमलों से बचने के लिए हमास के बचे-खुचे लड़ाके और उसका नेटवर्क यहां बना हुआ है। इजरायल पर हमलों के बाद नेतन्याहू ऐलान किया कि वह हमास के एक-एक सदस्य को खत्म करके रहेंगे। इसमें काफी हद तक उन्हें सफलता भी मिली है। अमेरिका को लगता है कि इजरायल अगर रफाह में अपने हमले तेज करता है तो इसमें निर्दोष नागरिक हताहत होंगे। इसीलिए उसने अपने बमों की आपूर्ति रोक दी है। बाइडेन को लगता है कि इन अमेरिकी बमों का इस्तेमाल रफाह में हो सकता है।

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