जब हुआ हमला तब क्या कर रहे थे मोसाद के जासूस? कैसे ध्वस्त हुआ इजराइल का इंटेलीजेंस; जानें सबकुछ

Israel War: हमास ने न सिर्फ इजराइल पर रॉकेट दागे, बल्कि उसके सैकड़ों लड़ाके हवाई, जमीनी और समुद्र के रास्ते इजराइली सीमा में घुस गए। इजराइल पर हुए इतने बड़े हमले के बाद इजराइल के इंटेलीजेंस की विफलता सामने आ गई है। विशेषज्ञों ने भी इसे खुफिया एजेंसियों की जबरदस्त विफलता का नतीजा बताया है।

Israel Hamas conflict

इजराइल-हमास संघर्ष

तस्वीर साभार : IANS

Israel War: हिंदी में एक कहावत है- 'जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि'। हालांकि, दुनिया की सबसे खतरनाक जासूसी एजेंसी मोसाद के बारे में कहा जाता है कि जहां रवि और कवि दोनों नहीं पहुंचते, वहां मोसाद के जासूस पहुंच जाते हैं। मोसाद के जासूसों के बारे में ऐसी कई कहानियां और किस्से प्रचलित हैं। बचपन से लेकर अब तक खुफियागिरी में मोसाद की ही मिसाल भी दी जाती रही है।

मिडिल ईस्ट का एक छोटा सा देश इजराइल, अपनी इसी जासूसी एजेंसी मोसाद के नाम पर दंभ भरता रहा है। कहा जाता था, जब तक मोसाद और उसके जासूस हैं, इजराइल का कोई बाल भी बांका नहीं कर सकता। हालांकि, शनिवार को जब हमास ने इजराइल के दक्षिणी हिस्सों पर 5000 से ज्यादा रॉकेट दागे तो कई सवाल खुलकर खुद-ब-खुद सामने आ गए। चर्चा होने लगी है कि क्या इजराइल का इंटेलीजेंस अब ध्वस्त हो गया? क्या इजराइल और उसकी अभेद दीवार जर्जर हो गई है और क्या मोसाद अब कमजोर पड़ने लगा है?

सामने आई इंटेलीजेंस की विफलता

इजराइल पर हुए इतने बड़े हमले के बाद इजराइल के इंटेलीजेंस की विफलता सामने आ गई है। विशेषज्ञों ने भी इसे खुफिया एजेंसियों की जबरदस्त विफलता का नतीजा बताया है। दरअसल, हमास ने न सिर्फ इजराइल पर रॉकेट दागे, बल्कि उसके सैकड़ों लड़ाके हवाई, जमीनी और समुद्र के रास्ते इजराइली सीमा में घुस गए। इसके बाद विशेषज्ञों का कहना है कि इजराइल को हमेशा अपनी खुफिया एजेंसियों, घरेलू इकाई शिन बेट और बाहरी जासूसी एजेंसी मोसाद पर गर्व रहा है, लेकिन इस हमले से उसकी खुफिया विफलता दिखाई पड़ती है।

कहां व्यस्त थे मोसाद के जासूस

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि इजराइल, ईरान का मुकाबला करने और इस्लामिक गणराज्य के परमाणु कार्यक्रम को विफल करने के प्रयासों में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने ही निकट स्थित क्षेत्र की अनदेखी कर दी। इसका फायदा आतंकवादी संगठन हमास ने उठाया और इजराइल से वर्षों पुरानी दुश्मनी का बदला लिया। वाईनेटन्यूज की खबर के अनुसार शनिवार देर रात हुई सुरक्षा कैबिनेट की बैठक में इजराइली मंत्रियों ने सेना से अपनी खुफिया जानकारी की विफलता के बारे में जवाब मांगा है।

हाल ही में संघर्ष विराम पर बनी थी सहमति

इजराइली सरकार के अधिकारी युद्ध जैसी स्थिति में इजराइल की तैयारियों के बारे में चिंतित नजर आये और देशभर में आश्रय केंद्रों की जांच की। इजराइल ने हाल में हमास के साथ संघर्ष विराम पर सहमति व्यक्त की थी, लेकिन कुछ विशेषज्ञों ने कहा कि राजनीति की घरेलू बाधाओं के कारण चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया गया। इजराइली नौसेना के पूर्व प्रमुख एली मैरोन ने मीडिया से कहा, पूरा इजराइल खुद से पूछ रहा है: इजराइली रक्षा बल (आईडीएफ) कहां है, पुलिस कहां है, सुरक्षा कहां है? यह एक बहुत बड़ी खुफिया विफलता है। कुछ विशेषज्ञ सरकार द्वारा शुरू की गई न्यायिक सुधार योजना के मद्देनजर इजराइल के भीतर आंतरिक विभाजन को भी इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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