मलेरिया के खिलाफ WHO ने दिया नया हथियार, जानिए पहले वाले टीके से कितना खास? कीमत और असर से लेकर सबकुछ
Malaria New Vaccine: सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के एक टीके को मंजूरी दे दी है, जिसके साथ ही दुनिया की दूसरे ऐसे टीके के इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है। एसआईआई ने कहा कि टीके के प्री-क्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षण से संबंधित आंकड़ों के आधार पर यह मंजूरी दी गई है।
मलेरिया की नई वैक्सीन को मंजूरी
Malaria New Vaccine: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने दुनिया को मलेरिया के खिलाफ दूसरा और कारगर हथियार दिया है। सोमवार को WHO ने मलेरिया के दूसरे टीके R21/Matrix-M को मंजूरी दे दी है। इस टीके को ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा विकसित किया गया है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रस घेब्रेयेसस ने कहा है कि संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी दो विशेषज्ञ समूहों की सलाह पर नये मलेरिया टीके को मंजूरी दे रही है। विशेषज्ञ समूहों ने मलेरिया के जोखिम वाले बच्चों में इसके इस्तेमाल की सिफारिश की है। टेड्रस ने कहा, मलेरिया के अनुसंधानकर्ता के रूप में मैं उस दिन का सपना देखता था जब हमारे पास मलेरिया के खिलाफ सुरक्षित और प्रभावी टीका हो। अब हमारे पास दो टीके हैं।
इस फैसले के बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के एक टीके को मंजूरी दे दी है, जिसके साथ ही दुनिया की दूसरे ऐसे टीके के इस्तेमाल का रास्ता साफ हो गया है। एसआईआई ने कहा कि टीके के प्री-क्लिनिकल और क्लिनिकल परीक्षण से संबंधित आंकड़ों के आधार पर यह मंजूरी दी गई है और परीक्षणों के दौरान चार देशों में यह टीका काफी कारगर साबित हुआ है। एसआईआई ने एक बयान में कहा कि यह बच्चों को मलेरिया से बचाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की मंजूरी पाने वाला दुनिया का दूसरा टीका बन गया है।
75 प्रतिशत अधिक प्रभावी है टीका
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया की मदद से तीन खुराक वाला नया टीका विकसित किया है। अनुसंधान से पता चला है कि यह 75 प्रतिशत से अधिक प्रभावी है और बूस्टर खुराक के साथ सुरक्षा कम से कम एक और वर्ष तक बनी रहती है। टेड्रस ने कहा कि इसकी एक खुराक की कीमत लगभग 2 डॉलर से 4 डॉलर होगी और यह अगले साल कुछ देशों में उपलब्ध हो सकता है। इस साल की शुरुआत में घाना और बुर्किना फासो के नियामक अधिकारियों ने टीके को मंजूरी दी थी।
166 से 332 रुपये होगी कीमत
मलेरिया के नए टीके के एक डोज की कीमत 166 रुपए से 332 रुपए के बीच होगी। सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा कि वह एक साल में ऑक्सफोर्ड के टीके की 20 करोड़ तक खुराक तैयार कर सकता है। बता दें, पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कोटीके तैयार करने का लाइसेंस दिया गया है और कंपनी पहले ही सालाना 10 करोड़ खुराक तैयार करने की क्षमता हासिल कर चुकी है जो अगले दो साल में दोगुनी हो जाएगी।
पहला टीका था 30 प्रतिशत प्रभावी
डब्ल्यूएचओ ने 2021 में मलेरिया के पहले टीके को इस खतरनाक बीमारी को समाप्त करने की दिशा में ऐतिहासिक कोशिश करार दिया था। जीएसके द्वारा निर्मित 'मॉस्क्विरिक्स' नामक यह टीका केवल करीब 30 प्रतिशत प्रभावी है और इसमें चार खुराक देनी होती है, वहीं इसका सुरक्षा घेरा कुछ ही महीनों में कमजोर पड़ जाता है। बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने पिछले साल मॉस्क्विरिक्स के लिए वित्तीय सहयोग देने से हाथ पीछे खींच लिए थे और कहा था कि यह कम प्रभावी है तथा धन का इस्तेमाल कहीं और उचित जगह किया जाएगा।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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