कौन हैं डेविड लैमी, जो बने ब्रिटेन के नए विदेश मंत्री; भारत को देते हैं प्राथमिकता
ब्रिटेन के आम चुनाव में लेबर पार्टी की प्रचंड जीत के बाद शुक्रवार को केअर स्टॉर्मर ने देश के नए प्रधानमंत्री के रूप में अपने पहले भाषण में देश वासियों के "हृदय में व्याप्त निराशा" को दूर करने और राष्ट्र के पुनर्निर्माण का संकल्प लिया।
ब्रिटेन के नए विदेश मंत्री (फोटो- David Lammy FB)
- ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है
- भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सत्ता से बाहर
- सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी ने सिर्फ 121 सीट पर जीत दर्ज की
ब्रिटेन की नई लेबर सरकार में विदेश मंत्री के रूप में डेविड लैमी का चुनाव हुआ है। ब्रिटेन के नवनियुक्त प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर के खास माने जाने वाले डेविड लैमी भारत के साथ संबंधों को लेकर पहले से एक्टिव रहे हैं और चुनाव के दौरान भी डेविड लैमी भारत के साथ संबंधों को मजबूत करने पर जोर देते रहे हैं।
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कौन हैं डेविड लैमी
डेविड लैमी एक अंग्रेजी राजनीतिज्ञ और वकील हैं। लेबर पार्टी के सदस्य डेविड लैमी 2000 के टोटेनहम उपचुनाव के बाद से टोटेनहम के लिए संसद सदस्य (एमपी) रहे हैं। लैमी पहले टोनी ब्लेयर और गॉर्डन ब्राउन के अधीन मंत्री थे। विदेश मंत्री नियुक्त होने के बाद लैमी ने कहा- ‘‘विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास मामलों के लिए मंत्री नियुक्त किया जाना मेरे जीवन का सम्मान है। दुनिया के सामने बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन हम ब्रिटेन की अपार ताकत के साथ उनका सामना करेंगे। हम अपनी सुरक्षा और समृद्धि के लिए ब्रिटेन को फिर से जोड़ेंगे।’’
भारत के साथ मजबूत संबंधों के पैरोकार
भारत के साथ मजबूत द्विपक्षीय संबंधों के पैरोकार और विदेश मंत्री जयशंकर को ‘मित्र’ बताने वाले लैमी ने पिछले सप्ताह लंदन में ‘इंडिया ग्लोबल फोरम’ में कहा था कि यदि चुनावों में लेबर पार्टी सत्ता में आती है तो वह अपने कार्यकाल के पहले महीने के भीतर भारत का दौरा करने का इरादा रखते हैं। जयशंकर ने लैमी को ब्रिटेन का विदेश मंत्री बनाए जाने पर बधाई दी। जयशंकर ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हमारी भागीदारी जारी रहने और भारत-ब्रिटेन व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की आशा है।’’
भारत के करते रहे हैं तारीफ
उन्होंने भारत को लेबर पार्टी के लिए एक ‘‘प्राथमिकता’’ और एक आर्थिक, तकनीकी और सांस्कृतिक ‘‘महाशक्ति’’ बताया। उन्होंने कहा था, ‘‘लेबर पार्टी के सत्ता में आने के साथ, बोरिस जॉनसन (कंजरवेटिव पार्टी) द्वारा एशिया में रुडयार्ड किपलिंग की पुरानी कविता को सुनाने के दिन खत्म होने वाले हैं। अगर मैं भारत में कोई कविता सुनाऊंगा, तो वह टैगोर की होगी...क्योंकि भारत जैसी महाशक्ति के साथ, सहयोग और सीखने के क्षेत्र असीमित हैं।’’
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