कौन हैं हरमीत कौर ढिल्लों, जो बनेंगी अमेरिका की सहायक अटॉर्नी जनरल; ट्रंप शासन में एक और भारतवंशी का कद बढ़ा
हरमीत कौर ढिल्लों के नाम की घोषणा के साथ ही ट्रंप 2.0 कैबिनेट में नामित भारतीय मूल के लोगों की संख्या चार हो गई है। ढिल्लों का जन्म पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ था और वे दो साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गईं।
ट्रंप के साथ हरमीत कौर ढिल्लों (फोटो- White House staff )
- हरमीत कौर ढिल्लों को ट्रंप प्रशासन में बड़ी पोस्ट
- अमेरिका की सहायक अटॉर्नी जनरल होंगे ढिल्लों
- ट्रंप शासन में भारतवंशियों का कद बढ़ा
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही अभी तक राष्ट्रपति की कुर्सी नहीं संभाली हो, लेकिन उनके शासन में भारतवंशियों का कद बढ़ना जारी है। डोनाल्ड ट्रंप ने हरमीत कौर ढिल्लों को अमेरिका का सहायक अटॉर्नी जनरल के लिए नामित किया है। इससे पहले ट्रंप विवेक रामास्वामी, जय भट्टाचार्य, तुलसी गबार्ड और काश पटेल को अपने शासन में महत्वपूर्ण कुर्सी देने का ऐलान कर चुके हैं।
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ट्रंप का ऐलान
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में भारतीय-अमेरिकी वकील हरमीत कौर ढिल्लों को नामित किया। ट्रंप ने एक पोस्ट में इस बात की घोषणा की। ट्रंप ने कहा, "मुझे अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में हरमीत कौर ढिल्लों को नामित करते हुए खुशी हो रही है। अपने पूरे करियर के दौरान, हरमीत ने नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए लगातार आवाज उठाई है।"
ट्रंप ने की हरमीत की तारीफ
ट्रंप ने हरमीत ढिल्लों की एक प्रमुख चुनाव वकील के रूप में तारीफ की। चुनावी अखंडता की रक्षा करने, संवैधानिक और नागरिक अधिकारों की रक्षा करने के प्रति उनके समर्पण को मान्यता दी। नव निर्वाचित राष्ट्रपति ने कहा, "हरमीत देश के शीर्ष चुनाव वकीलों में से एक हैं, जो यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ रही हैं कि सभी कानूनी वोटों की गिनती की जाए। वह डार्टमाउथ कॉलेज और यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया लॉ स्कूल से स्नातक हैं, और यूएस फोर्थ सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स में क्लर्क हैं। हरमीत सिख धार्मिक समुदाय की एक सम्मानित सदस्य हैं। अपनी नई भूमिका में, हरमीत हमारे संवैधानिक अधिकारों की अथक रक्षक होंगी और हमारे नागरिक अधिकारों और चुनाव कानूनों को निष्पक्ष और दृढ़ता से लागू करेंगी।"
कौन हैं हरमीत ढिल्लों
ढिल्लों का जन्म पंजाब के चंडीगढ़ में हुआ था और वे दो साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ अमेरिका चली गईं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक न्यूयॉर्क शहर में बसने से पहले वे ग्रामीण उत्तरी कैरोलिना में एक सिख परिवार में पली-बढ़ीं। डार्टमाउथ कॉलेज से क्लासिकल लिटरेचर में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त करने के बाद, वे अपनी कानून की डिग्री प्राप्त करने के लिए वर्जीनिया यूनिवर्सिटी गईं। अपने शुरुआती करियर के दौरान, उन्होंने फोर्थ सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय के जज पॉल वी नीमेयर के साथ क्लर्क के रूप में और न्याय विभाग के सिविल डिवीजन के संवैधानिक टोर्ट्स सेक्शन में काम किया। इसके बाद, उन्होंने प्रतिष्ठित फर्म गिब्सन, डन और क्रचर के लिए काम किया, जहां उन्होंने मुकदमेबाजी और संवैधानिक कानून में पर्याप्त अनुभव प्राप्त किया। 2006 में, उन्होंने सैन फ्रांसिस्को में अपना खुद का लॉ प्रैक्टिस शुरू की। रिपब्लिकन राजनीति में एक प्रमुख नाम ढिल्लों ने कैलिफोर्निया रिपब्लिकन पार्टी की उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। वह रिपब्लिकन नेशनल कमेटी (आरएनसी) की सदस्य रही हैं।2016 में, वह क्लीवलैंड में जीओपी कन्वेंशन के मंच पर आने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं।
IANS से इनपुट के साथ
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