बाइडेन सरकार में एक और भारतवंशी का डंका, जानिए कौन हैं अमेरिकी वायु सेना के सहायक सचिव बनने वाले रवि चौधरी

Indian American Ravi Chaudhary : रवि चौधरी इसके पहले अमेरिकी परिवन विभाग में सीनियर एक्जीक्यूटिव के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। इस विभाग में वह एडवांस प्रोग्राम एवं इनोवेशन के निदेशक थे। वह फेडरल एविएशन एडमिनिट्रेशन (FAA) आफिस में कॉमर्शियल स्पेश ऑफिस से भी जुड़े हुए थे।

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इस पद पर पहुंचने वाले भारतीय मूल के पहले अमेरिकी नागरिक हैं रवि।

Ravi Chaudhary : बाइडेन प्रशासन में अहम पद पर भारतीय मूल के एक और अमेरिकी नागरिक की नियुक्ति हुई है। अमेरिकी सीनेट ने भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक रवि चौधरी को वायु सेना के सहायक सचिव पद पर नियुक्ति को मंजूरी दी है। पेंटागन स्थित रक्षा मंत्रालय में यह शीर्ष पदों में से एक है। नियुक्ति के लिए बुधवार को हुई वोटिंग में वायु सेना के इस पूर्व अधिकारी के पक्ष में 65 वोट पड़े। जबकि उनके खिलाफ सीनेट के 29 सदस्यों ने वोट किया। रवि चौधरी के पास अलग-अलग क्षेत्रों का विशाल अनुभव है। वह इराक और अफगानिस्तान के सैन्य अभियानों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इस पद पर नियुक्त होने वाले रवि चौधरी भारतीय मूल के पहले अमेरिकी नागरिक हैं।

कौन हैं रवि चौधरी

रवि चौधरी इसके पहले अमेरिकी परिवन विभाग में सीनियर एक्जीक्यूटिव के रूप में अपनी सेवा दे चुके हैं। इस विभाग में वह एडवांस प्रोग्राम एवं इनोवेशन के निदेशक थे। वह फेडरल एविएशन एडमिनिट्रेशन (FAA) आफिस में कॉमर्शियल स्पेश ऑफिस से भी जुड़े हुए थे। एफएए के कॉमर्शियल स्पेस ट्रांर्सपोर्टेशन मिशन में रवि ने कई विकास एवं रिसर्च से जुड़ी परियोजनाओं को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। जबकि परिवहन विभाग में रहते हुए इन्होंने नौ क्षेत्रों में एविएशन परिचालन को उन्नत बनाने के लिए अ

पना विशेष योगदान दिया।

इराक में हो चुकी है तैनाती

साल 1993 से 2015 तक अमेरिकी वायु सेना में सेवा देने वाले चौधरी इस दौरान ऑपरेशनल, इंजीनियरिंग एवं सीनियर स्टॉफ असाइनमेंट से जुड़ी अपनी अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं। इन्होंन परिवहन विमान सी-17 को उड़ाया। साथ ही अफगानिस्तान, इराक सहित कई जगहों पर अभियानगत उड़ानों को अंजाम दिया। इराक में इनकी ग्राउंड तैनाती भी हुई थी। यहां वह मल्टीनेशनल कोर के पर्सनल रिकवरी सेंटर के डाइरेक्टर थे।

जीपीएस के लिए काम कर चुके हैं

रवि ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) के लिए भी बड़ा काम कर चुके हैं। जीपीएस के लिए इन्होंने अंतरिक्ष में लॉन्च होने वाले कार्यक्रमों में सहयोग दिया। सिस्टम इंजीनियर के रूप में चौधरी ने अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा के लिए नासा के अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के कार्यक्रमों में सहयोग दिया। इसके अलावा ओबामा प्रशासन के समय इन्होंने एशियाई अमेरिकी एवं प्रशांत आइलैंड वाले राष्ट्रपति के सलाहकार आयोग में सदस्य रहे।

चौधरी के पास हैं अहम और बड़ी डिग्रियां

चौधरी के पास डॉक्टरेट की उपाधि है। इन्होंने जार्जटाउन यूनिवर्सिटी के डीएलएस प्रोग्राम से एग्जीक्यूटिव लीडरशिप एंड इनोवेशन में डॉक्टरेट की विशेष डिग्री प्राप्त की। सैंट मैरी यूनिवर्सिटी से इन्होंने इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग में एमएस किया है। चौधरी ने एयर युनिवर्सिटी से ऑपरेशनल आर्ट्स एवं मिलिट्री साइंस में एमए किया। जबकि यूएस एयर फोर्स अकेडमी से इन्होंने एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीएस की डिग्री ली।

चौधरी संघीय कार्यकारी संस्थान से स्नातक हैं और कार्यक्रम प्रबंधन, परीक्षण और मूल्यांकन में रक्षा अधिग्रहण प्रमाणन विभाग को संभालते हैं।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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