कौन हैं पाकिस्तान के मौलाना डीजल, जिन्होंने इमरान खान के विरोध में उतार दिया है 'मदरसा सेना', सुप्रीम कोर्ट पर बोला धावा

Who is Maulana Diesel: जमात-ए-उलेमा इस्लाम फजल ग्रुप (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजल उर रहमान- मौलाना डीजल के नाम से मशहूर हैं। आम लोग ही नहीं बल्कि राजनीतिक विरोधी भी उन्हें मौलाना डीजल कहते हैं। मौलाना डीजल पाकिस्तान की राजनीति में बड़ा कद रखते हैं और सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।

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इमरान खान के खिलाफ मौलाना ने उतार दी है मदरसा सेना

तस्वीर साभार : टाइम्स नाउ डिजिटल
Who is Maulana Diesel: पाकिस्तान के एक मौलाना की चर्चा इन दिनों काफी है, नाम है मौलाना डीजल, लोग उन्हें इसी नाम से जानते हैं। मौलान डीजल इस समय इमरान खान के खिलाफ अपनी 'मदरसा सेना' को मैदान में उतार चुके हैं, इससे पहले भी इमरान जब पीएम थे, तब भी मौलाना डीजल ने अपनी आजादी मार्च के जरिए उनकी सरकार को हिला दिया था।
कौन हैं मौलाना डीजल
जमात-ए-उलेमा इस्लाम फजल ग्रुप (जेयूआई-एफ) के प्रमुख मौलाना फजल उर रहमान- मौलाना डीजल के नाम से मशहूर हैं। आम लोग ही नहीं बल्कि राजनीतिक विरोधी भी उन्हें मौलाना डीजल कहते हैं। मौलाना डीजल पाकिस्तान की राजनीति में बड़ा कद रखते हैं और सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। मौलाना पाकिस्तानी संसद में नेता प्रतिपक्ष से लेकर विदेश नीति को लेकर बनी संसदीय समिति, कश्मीरी समिति में प्रमुख पदों पर रह चुके हैं। मौलाना डीजल के पिता खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री रह चुके हैं।
तालिबान समर्थक
मौलाना डीजल पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के अध्यक्ष भी हैं। यह राजनीतिक दलों का एक गठबंधन है, जिसने 2022 में अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से बाहर कर दिया था। वह 1988 और 2018 के बीच नेशनल असेंबली के सदस्य थे, और 2004 से 2007 तक विपक्ष के नेता रहे। वह अफगानिस्तान में तालिबान सरकार के समर्थक हैं और इसकी अंतरराष्ट्रीय मान्यता के लिए लगातार लॉबी करते रहे हैं।
जब पीएम बनने के लिए अमेरिका के कदमों में गिरे थे मौलाना डीजल
विकीलीक्स के अनुसार, 2007 में रहमान ने पाकिस्तान में तत्कालीन अमेरिकी राजदूत ऐनी पैटरसन को एक बार डिनर पर आमंत्रित किया था, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनने में उनका समर्थन मांगा था और अमेरिका जाने की इच्छा व्यक्त की थी। एंबेसडर ने अपने नोट्स में लिखा है कि फजल खुद को किंगमेकर के तौर पर देखते हैं। फ़ज़ल ने कथित तौर पर राजदूत को यह भी बताया कि उनके वोट बिक्री के लिए उपलब्ध हैं।
क्यों कहा जाता है मौलाना डीजल
कहा जाता है कि मौलाना फजल उर रहमान को मौलाना डीजल की उपाधि उनके कारनामों की वजह से मिली है। आरोप है कि 1993-1996 में प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की सरकार के दौरान उन्होंने डीजल के कई परमिट लिए। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने सरकार में अपने लिंक का उपयोग करके डीजल का बिजनेस शुरू किया और काफी मुनाफा कमाया। यही कारण है कि उन्हें राजनीतिक विरोधियों द्वारा मौलाना डीजल कहा जाता था। इनपर पाकिस्तान में 90 के दशक में डीजल संकट पैदा करने का भी आरोप लगते रहा है।
इमरान खान के कट्टर विरोधी
मौलाना डीजल को पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान का कट्टर विरोधी माना जाता है। इमरान जब पीएम थे, तब उनकी सरकार को हिलाने वाले मौलाना डीजल ही थे, तब उन्होंने आजादी मार्च निकाला था।
अब उतारा 'मदरसा सेना'
हाल के दिनों में पाकिस्तान में जो घटनाएं हुईं हैं- इमरान खान का गिरफ्तार होना और फिर सुप्रीम कोर्ट से रिहा होना, उसने मौलाना डीजल को फिर से इमरान के खिलाफ खड़ा कर दिया है। मौलाना डीजल इस बार पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ ही उतर आए हैं। उनकी मदरसा सेना सुप्रीम कोर्ट पर धावा बोल चुकी है। सत्ताधारी पीडीएम के नेता मौलाना डीजल के समर्थक सुप्रीम कोर्ट के बाहर डेरा डाले हुए हैं। उनका कहना है कि जबतक सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश उमर अता बंदियाल इस्तीफा नहीं देते वो लोग वहीं रहेंगे। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के बाहर मौलाना के समर्थक जबरदस्त हंगामा करते दिखे हैं। सामने आए वीडियो में वो सुप्रीम कोर्ट के गेट पर चढ़े भी दिख रहे हैं। मौलाना के इस तगड़े विरोध के बाद इमरान खान ने भी अपने समर्थकों को तैयार रहने के लिए कहा है।
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शिशुपाल कुमार author

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