कौन हैं श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके; चीन से नजदीकी, क्या भारत के लिए है खतरा?
India-Sri Lanka: क्या आप जानते हैं कि पड़ोसी मुल्क श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके कौन हैं? चीन के साथ उनकी नजदीकी, क्या भारत के लिए कोई खतरा साबित हो सकती है? सवाल ये भी है कि दिसानायके के राष्ट्रपति बनने से भारत-श्रीलंका के रिश्तों में कितना असर पड़ेगा। आपको रिपोर्ट में समझाते हैं।
कौन हैं अनुरा कुमारा दिसानायके?
Who is New President of Sri Lanka: आर्थिक संकट से जूझ रहे श्रीलंका को नया राष्ट्रपति मिल गया है। अनुरा कुमारा दिसानायके ने सोमवार को श्रीलंका के 9वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है। वह पहले वामपंथी नेता हैं, जो श्रीलंका के राष्ट्रपति पद तक पहुंचे हैं। ऐसे में यहां यह जानना जरूरी हो जाता है कि अनुरा कुमारा दिसानायके कौन हैं और श्रीलंका की कमान उनके पास आने के बाद भारत-श्रीलंका के रिश्तों पर कितना प्रभाव पड़ेगा।
आर्थिक संकट के कारण श्रीलंका में हुआ था विद्रोह
दरअसल, श्रीलंका में आर्थिक संकट के कारण 2022 में विद्रोह हुआ था। इस विद्रोह के बाद यह पहला राष्ट्रपति चुनाव था। इस चुनाव में कुल 39 उम्मीदवार राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी ठोक रहे थे, जिनमें से पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, विपक्षी नेता साजिथ प्रेमदासा और अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच मुख्य मुकाबला था।
नेशनल पीपुल्स फ्रंट के साथ किया था गठबंधन
अनुरा कुमारा दिसानायके की पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) ने इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स फ्रंट के साथ गठबंधन किया था। उनके गठबंधन को चुनाव में जीत मिली, इसके बाद अनुरा कुमारा दिसानायके को श्रीलंका का नया राष्ट्रपति चुना गया।
राजपक्षे को सत्ता छोड़ने पर होना पड़ा था मजबूर
अनुरा कुमारा दिसानायके साल 2022 में उस वक्त सुर्खियों में आए, जब वह श्रीलंका में आर्थिक संकट के दौरान हुए जन विद्रोह का मुख्य चेहरा बने। विद्रोह के दौरान उन्होंने जनता की आवाज को बुलंद किया था। इसके चलते श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को सत्ता छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। इस घटनाक्रम के बाद अनुरा कुमारा दिसानायके की लोकप्रियता में इजाफा हुआ। उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान देश की अर्थव्यवस्था में सुधार की बात कही थी।
राष्ट्रपति दिसानायके की चीन से नजदीकियां
बताया जाता है कि वामपंथी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके की चीन से करीबी नजदीकियां हैं, जिसका श्रीलंका-भारत के रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है। चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने भारत के साथ चल रही कई योजनाओं को लेकर टिप्पणी की थी, उन्होंने इसे बंद करने की भी बात कही थी।
बता दें कि अनुरा कुमारा दिसानायके साल 1987 में ही पहली बार चर्चा में आए थे। इस दौरान उनकी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) ने 80 के दशक में श्रीलंका और भारत के बीच शांति समझौते का विरोध किया था। श्रीलंका चुनाव पर भारत की पहले से ही नजर थी। हालांकि, अब ऐसी आशंका जताई जा रही है कि अनुरा कुमारा दिसानायके के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद वहां कुछ बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
(इनपुट- IANS)
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