कौन थे ChatGPT पर सवाल उठाने वाले भारतीय मूल के सुचिर बालाजी? कठघरे में खड़ा किया OpenAI की नैतिकता

Who was Suchir Balaji: सुचिर बालाजी ने अपना ग्रेजुएशन ब्रेकली के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से किया। यहां से साल 2021 में उन्होंने कम्प्यूटर साइंस में बैचलर की डिग्री ली। स्नातक के दौरान ही इन्होंने एआई पर हुईं प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। एआई पर इनके शोध एवं नवाचार ने इनकी अलग पहचान बनाई।

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सुचिर बालाजी ने ओपेन एआई पर सवाल उठाए थे।

Who was Suchir Balaji: भारतीय मूल के अमेरिकी शोधकर्ता और OpenAI के पूर्व कर्मचारी सुचिर बालाजी की अमेरिका में मौत हो गई है। वह बीते 26 नवंबर को फ्रांसिस्को स्थित अपने फ्लैट में मृत पाए गए। कई मीडिया रिपोर्टों में अधिकारियों के हवाले से इस मौत को सुसाइड बताया गया है। 26 साल के इस प्रतिभावान व्हिसलब्लोअर की मौत सुर्खियां बनी हुई हैं। बालाजी की मौत ऐसे समय हुई है जब उन्होंने कुछ महीने पहले ऑर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंपनी OpenAI की कार्यशैली उसके टूल ChatGPT पर सवाल उठाए।

बीते अक्टूबर महीने में न्यूयॉर्क टाइम्स को दिए अपने एक इंटरव्यू में इस ओपेनएआई की नैतिकता पर सवाल खड़े किए। बालाजी की मौत पर दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क ने भी प्रतिक्रिया दी है। बालाजी की मौत की खबर से जुड़े एक ट्वीट पर मस्क ने केवल 'हम्म' कहा। उनकी यह टिप्पणी कई तरह के संकेत दे रही है। दरअसल, ओपनएआई की स्थापना 2015 में एलन मस्क और सैम ऑल्टमैन ने मिलकर की थी। तीन साल बाद विवाद होने पर मस्क इससे अलग हो गए। उन्होंने अपना स्टार्ट-अप xAI शुरू किया। छले महीने मस्क ने ओपनएआई पर एक तरह से मोनोपोली का आरोप लगाया।

कौन थे बालाजी

सुचिर बालाजी ने अपना ग्रेजुएशन ब्रेकली के कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी से किया। यहां से साल 2021 में उन्होंने कम्प्यूटर साइंस में बैचलर की डिग्री ली। स्नातक के दौरान ही इन्होंने एआई पर हुईं प्रतियोगिताओं में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। एआई पर इनके शोध एवं नवाचार ने इनकी अलग पहचान बनाई। खासतौर पर एसीएम आईसीपीसी 2018 के वर्ल्ड फाइनल में सुचिर 31वें स्थान पर आए और 2017 के पैसिफिक नॉर्थवेस्ट रिजिनल एं ब्रेकली प्रोग्रामिंग कंटेस्ट दोनों में पहला स्थान प्राप्त किया। यही नहीं कैगल की एक लॉख डॉलर का पुरस्कार भी जीता। साल 2019 में OpenAI में नौकरी करने से पहले इन्होंने स्केल एआई, हेलिया और क्योरा जैसी नामी टेक कंपनियों के साथ काम किया। इन कंपनियों में काम करते हुए बालाजी ने टेक इंडस्ट्री को अपने योगदान से काफी मजबूत बनाया।

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ChatGPT पर उठाए थे सवाल

दरअसल, अपनी मौत से तीन महीने पहले बाजाली ने सार्वजनिक तौर पर दावा किया कि चैटजीपीटी को बनाने के दौरान OpenAI ने अमेरिकी कॉपीराइट कानून का उल्लंघन किया। ChatGPT एक एआई टूल है जिसका इस्तेमाल दुनिया भर में करोड़ों लोग कर रहे हैं। सुचिर के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने नवंबर 2020 से अगस्त 2024 तक OpenAI के लिए काम किया था। 2022 में लॉन्च होने के बाद से ही यह एआई कंपनी विवादों में है। कंटेंट को मौलिक रूप से तैयार करने वाले लेखक, प्रोग्रामर्स और पत्रकारों का आरोप है कि कंपनी अपने प्रोग्राम विकसित करने के लिए अनुचित एवं अवैध रूप से उनके कॉपीराइट कंटेंट का इस्तेमाल कर रही है। ऐसा करके वह खुद 150 अरब डॉलर की कंपनी बन गई है लेकिन उन्हें किसी तरह का भुगतान नहीं हो रहा है।

सुचिर ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' को दिया था इंटरव्यू

23 अक्टूबर को 'न्यूयॉर्क टाइम्स' को दिए साक्षात्कार में बालाजी ने कहा कि ओपेनएआई कारोबार एवं उद्यमियों को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा, 'जो मैं मानता हूं उसमें यदि आपको विश्वास है तो आप तुरंत कंपनी छोड़ देंगे। ओपेनएआई का पूरा मॉडल इंटरनेट इकोसिस्टम के लिए स्थायी चीज नहीं है।' अपने अंतिम पोस्ट में बालाजी ने कहा, 'इस लेख के लिए न्यूयॉर्क टाइम्स मेरे पास नहीं आया, बल्कि मैं उनके पास गया था। मैंने सोचा कि एक ऐसा व्यक्ति जो मौजूदा एआई के दौर से पहले से इस सिस्टम में काम कर रहा है, और जिसके पास एक रोचक नजरिया है, वह अपनी बात रखेगा। मैं केवल यही सोचकर उनके पास गया कि वह एक अच्छा न्यूज पेपर है।'

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