म्यूजियम में सीरियल किलर का कटा सिर यहां सालों से सहेज कर क्यों है रखा गया? जानिए
Who was Diogo Alves: सीरियल किलर के कटे सिर को सालों से सहेज कर रखा गया है। चूंकि, इसे वहां कांच के कंटेनर में रखे लंबा समय हो चुका है, लिहाजा यह हल्का पीला और सफेद पड़ चुका है।
डिओगो एल्वस (Diogo Alves) मूल रूप से पुर्तगाल का रहने वाला था। (फोटोः @SeriousStrange)
Who was Diogo Alves: आपने कभी सोचा है कि क्या किसी मरे हुए इंसान के शरीर के हिस्से को लंबे समय तक जस का तस सहेज कर रखा जा सकता है? अगर नहीं तब आप पुर्तगाल के एक म्यूजियम में फ्लास्क (सरल भाषा में समझें तो कांच का कंटेनर) में कैद इंसानी खोपड़ी देखकर दंग रह जाएंगे। इस कटे सिर को वहां जार में रखे हुए 180 साल से अधिक हो चुके हैं। खास बात है कि यह किसी स्पेशल या वीआईपी का सिर नहीं बल्कि तीन साल में 70 कत्ल करने वाले सीरियल किलर का हेड है।
एक नजर में जानिए सीरियल किलर को
डिओगो एल्वस मूल रूप से स्पेन का था। वह वहां के सैमोस में 1810 में जन्मा और कम उम्र में ही उसे बड़े घरों में काम करना शुरू कर दिया था। पुर्तगाल के लिस्बन शहर में 1841 में उसे फांसी की सजा दे दी गई। 1836–1840 के बीच उसने आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया था। पहले छोटी-मोटी चोरियां करता था। फिर शहर के बड़े पुल के पास लोगों को लूट लेता था।
वारदात को इस तरह देता था अंजाम
कहा जाता है कि सबसे अधिक किसान उसका निशाना बने। लूटपाट के बाद वह पीड़ितों को 213 फुट ऊंचे पुल से फेंक देता था। शुरुआत में पुलिस समझी कि लोग आत्महत्या कर रहे हैं, पर बाद में पूरा माजरा समझ आया तो वे दंग रह गए। तीन साल में उसने 70 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। नतीजतन पुलिस को वह पुल बंद करना पड़ा।
सिर के सारे कंपोनेंट्स आते हैं नजर
सीरियल किलर के कटे सिर को यूनिवर्सिटी ऑफ लिस्बन की फैकल्टी ऑफ मेडिसिन में सालों से सहेज कर रखा गया है। चूंकि, इसे वहां कांच के कंटेनर में रखे लंबा समय हो चुका है, लिहाजा यह हल्का पीला और सफेद पड़ चुका है। रोचक बात यह कि लिक्विड के साथ रखे गए इस सिर के हिस्से में सिर की लगभग सभी चीजें फिलहाल साफ तौर पर ठीक हैं और दिखती हैं। मसलन आंखें, नाक, हल्की दाढ़ी-मूछें और सिर के बाल।
पर सहेज कर क्यों रखा गया सिर?
दरअसल, डॉक्टर्स और एक्सपर्ट्स तब यह जानना चाहते थे कि आखिरकार इस सीरियल किलर के दिमाग में क्या कुछ चलता था और उसकी सोच कैसी थी? यही रिसर्च करने के लिए उन्होंने मंजूरी मांगी थी, जिसके बाद उसके सिर को यूनिवर्सिटी म्यूजिमय में संभाल कर रखा गया। हालांकि, संग्रहालय के जिस हिस्से में यह सिर रखा गया है, वहां आम पब्लिक को जाने की अनुमति नहीं है। सिर्फ स्टूडेंट्स ही वहां जा सकते हैं।
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Abhishek Gupta author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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