PM मोदी की तस्वीर शेयर कर बोले बाइडेन- ....दोस्त PM मोदी का समर्थन करने के लिए तत्पर हूं

भारत को अमेरिका का ‘मज़बूत’ साझेदार बताते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह भारत की जी 20 की अध्यक्षता के दौरान अपने ‘दोस्त’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक हैं।

पीएम मोदी और जो बाइडन

मुख्य बातें
  • भारत अमेरिका का मजबूत साझेदार-जो बाइडेन
  • जो बाइडेन ने पीएम मोदी को बताया अपना मित्र, पीएम मोदी के साथ पोस्ट की तस्वीर
  • G20 की अध्यक्षता पर भारत के समर्थन का जिक्र कर बोले बाइडेन-दोस्त पीएम मोदी के समर्थन को उत्सुक

New Delhi: अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन (Joe Biden) ने अपने ट्विटर (Twitter) अकाउंट पर पीएम मोदी के साथ अपनी तस्वीर शेयर करते हुए भारत (India) को अमेरिका (America) का सबसे मजबूत साझेदार बताया। प्रेसिडेंट बाइडेन ने पीएम मोदी (Narendra Modi) को दोस्त कहकर संबोधित किया। बाइडेन ने लिखा वो भारत को G20 की अध्यक्षता के दौरान अपने दोस्त मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक हैं। साथ ही बाइडेन ने कहा कि दोनों देश जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी चुनौतियों से निपटते विकास को आगे बढ़ाएंगे।

बाइडेन का ट्वीटबाइडन ने शुक्रवार को ट्विटर पर कहा, ‘भारत अमेरिका का एक मजबूत साझेदार है, और मैं भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान अपने मित्र प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने के लिए उत्सुक हूं। जलवायु, ऊर्जा और खाद्य संकट जैसी साझा चुनौतियों से निपटते हुए सतत और समावेशी विकास को आगे बढ़ाएंगे।'

जो बाइडन का ट्वीट

पीएम मोदी ने कही थी ये बातइससे पहले पीएम मोदी ने कहा था कि भारत ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’के विषय से प्रेरित होकर एकता को बढ़ावा देने के लिए काम करेगा और आतंक, जलवायु परिवर्तन, महामारी को सबसे बड़ी चुनौतियों के तौर पर सूचीबद्ध करेगा जिनका एक साथ मिलकर बेहतर तरीके से मुकाबला किया जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा, 'भारत की जी-20 प्राथमिकताओं को न केवल हमारे जी-20 भागीदारों, बल्कि दुनिया के दक्षिणी हिस्से के हमारे साथी देशों के परामर्श से आकार दिया जाएगा, जिनकी आवाज अक्सर अनसुनी कर दी जाती है।'

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का जी-20 एजेंडा समावेशी, महत्वाकांक्षी, कार्रवाई उन्मुख और निर्णायक होगा। उन्होंने कहा, ‘आइए हम भारत की जी20 अध्यक्षता को संरक्षण, सद्भाव और उम्मीद की अध्यक्षता बनाने के लिए एकजुट हों। आइए हम मानव-केंद्रित वैश्वीकरण के एक नए प्रतिमान को स्वरुप देने के लिए साथ मिलकर काम करें।’

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