भारत, पाक में भी आएगा जलजला? तुर्की में भूकंप की भविष्यवाणी करने वाले रिसर्चर का दावा
Frank Hoogerbeets : ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो में फ्रैंक को यह कहते हुए सुना जा सकता है। वह कहते हैं कि यदि हम वायुमंडलीय उतार-चढ़ाव को देखें तो इन क्षेत्रों में भूकंप की बड़ी गतिविधियां हो सकती हैं। लेकिन हमें यह बात ध्यान रखनी होगी कि यह अभी मोटे-मोटे अनुमान हैं।
रिसर्चर ने अफगानिस्तान, पाकिस्तान और भारत में भूकंप आने का अनुमान जताया है।
Turkey Earthquake : तुर्की और सीरिया में गत छह फरवरी को 7.5 तीव्रता के आए भूंकप में अब तक 34 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। खास बात यह है कि डच शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने इस भीषण भूकंप के तीन दिन पहले यानी तीन फरवरी को ही इस कुदरती कहर के बारे में भविष्यवाणी कर दी थी। यह अलग बात है कि उनके इस पूर्वानुमान को गंभीरता से नहीं लिया गया। फ्रैंक नीदरलैंड में सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (एसएसजीईओएस) के लिए काम करते हैं। यह संस्थान भूकंपीय गतिविधि के संबंध में आकाशीय पिंडों की ज्यामिति का अध्ययन करता है।
रिपोर्टों के मुताबिक फ्रैंक ने एशिया में भूकंप को लेकर भी अनुमान जताया है। उन्होंने कहा है कि अफगानिस्तान में एक भीषण भूकंप आएगा। यह भूकंप पाकिस्तान, भारत से गुजरते हुए हिंद महासागर में खत्म होगा। हालांकि, उनके इस अनुमान को लेकर आशंकाएं जताई गई हैं और इसे खारिज किया गया है।
ट्विटर पर शेयर किए गए वीडियो में फ्रैंक को यह कहते हुए सुना जा सकता है। वह कहते हैं कि यदि हम वायुमंडलीय उतार-चढ़ाव को देखें तो इन क्षेत्रों में भूकंप की बड़ी गतिविधियां हो सकती हैं। लेकिन हमें यह बात ध्यान रखनी होगी कि यह अभी मोटे-मोटे अनुमान हैं। सभी बड़े भूकंप अपने पीछे वातावरण में कोई पदचिह्न नहीं छोड़ते और न ही वे अपने बारे में हमेशा कोई घोषणा करते हैं।'
फ्रैंक के इस अनुमान को पाकिस्तान के मौसम विभाग (पीएमडी) ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि तुर्की और पाकिस्तान की फाल्ट लाइन में कोई समानता नहीं है। पीएमडी के निदेशक शाहिद अब्बास ने कहा, 'भूकंप की भविष्यवाणी का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। पाकिस्तान के पास अपना अत्याधुनिक निगरानी तंत्र है। यह तंत्र तुर्की और सीरिया में आ रहे आफ्टरशॉक्स पर नजर रख रहा है।'
तुर्की और सीरिया में आए भूकंप के बारे में डच रिसर्चर ने कहा, 'तुर्की के मध्य में भीषण भूकंप से आई तबाही के बारे में जानकर मेरा दिल बैठा जा रहा है। जैसा कि मैंने पहले कहा था कि इस क्षेत्र में देर-सबेर बड़ा भूकंप आएगा। ये भूकंप हमेशा महत्वपूर्ण ग्रहों की ज्यामिति संरचना में बदलाव के बाद आते हैं, जैसा कि हमने 4-5 फरवरी को देखा था।'
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आलोक कुमार राव author
करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने...और देखें
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