चीन समर्थित मालदीव के नए राष्ट्रपति का भारत विरोधी एजेंडा आया सामने, कहा- विदेशी सेना को भेजेंगे वापस

दरअसल, मुइज्जू यामीन के प्रतिनिधि हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के लिए आपराधिक सजा के कारण चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। अपनी जीत के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने यामीन की रिहाई सुनिश्चित कर ली।

मालदीव के निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू

Maldives New President: मालदीव के निर्वाचित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपनी जीत के साथ ही भारत को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। शनिवार को हुए चुनाव में जीत के बाद अपनी पहली सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए 45 वर्षीय मुइज्जू ने भारत का नाम लिए बिना कहा कि वह देश से विदेशी सैनिकों को वापस भेजेंगे। बता दें कि मालदीव में सिर्फ भारत की सेना ही तैनात है। मुइज्जू ने सोमवार रात राजधानी माले में रैली में कहा, हम मालदीव में मौजूद सैन्य बलों को कानून के मुताबिक वापस भेजेंगे। उन्होंने कहा, जो लोग उन्हें लाए, सैन्य बल उन्हें वापस नहीं भेजना चाहते, लेकिन मालदीव के लोगों ने फैसला किया है।
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मोहम्मद सोलिह ने भारत के साथ मजबूत बनाए संबंध

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निवर्तमान राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने पारंपरिक संरक्षक भारत के साथ देश के संबंधों को फिर से स्थापित किया था। जबकि उनके पूर्ववर्ती अब्दुल्ला यामीन ने बुनियादी ढांचे की परियोजनाओं के लिए चीन से भारी उधार लेकर मालदीव को बीजिंग के पक्ष में कर दिया था। दरअसल, मुइज्जू यामीन के प्रतिनिधि हैं जिन्हें भ्रष्टाचार के लिए आपराधिक सजा के कारण चुनाव लड़ने से रोक दिया गया था। अपनी जीत के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने यामीन की रिहाई सुनिश्चित कर ली जो उच्च सुरक्षा वाली माफुशी जेल में 11 साल की जेल की सजा काट रहा थे। अब उन्हें माले में नजरबंद किया गया है। मुइज्जू माले के मौजूदा मेयर भी हैं, उन्होंने चीन समर्थक नेता के रूप में मीडिया के बयानों को भी खारिज कर दिया और कहा कि वह मालदीव समर्थक हैं।
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