'XX' लिखने का मतलब बॉस का कुछ और था, महिला ने समझ लिया कुछ और, कोर्ट गई तो लगा जुर्माना

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन की एसडॉक्स कंपनी में काम करने वाली आईटी कर्मी करीना गैसपरोवा ने इस तरह का मेल भेजने के लिए अपने बॉस अलेक्जेंडर गोउलांड्रिस को कानूनी नोटिस भेज दिया। यही नहीं कंपनी में पोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम करने वाली इस महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न एवं भेदभाव का दावा करते हुए कंपनी को ट्रिब्यूनल तक ले गई।

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कोर्ट में महिला के दावे सही साबित नहीं हुए।

लंदन में एक अजीबो-गरीब वाकया सामने आया है। यहां एक ऑफिस में बॉस ने अपने कर्मचारियों के लिखे मेल में 'XX' का जिक्र कर दिया। मेल में 'XX' लिखा जाना एक महिला कर्मचारियों को नागवार गुजरा और उसने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए अपने बॉस एवं कंपनी को कानूनी नोटिस भेज दिया।

बॉस को ट्रिब्यूनल तक ले गई

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक लंदन की एसडॉक्स कंपनी में काम करने वाली आईटी कर्मी करीना गैसपरोवा ने इस तरह का मेल भेजने के लिए अपने बॉस अलेक्जेंडर गोउलांड्रिस को कानूनी नोटिस भेज दिया। यही नहीं कंपनी में पोजेक्ट मैनेजर के रूप में काम करने वाली इस महिला कर्मचारी ने यौन उत्पीड़न एवं भेदभाव का दावा करते हुए कंपनी को ट्रिब्यूनल तक ले गई।

बॉस पर लगाए गंभीर आरोप

गोलान्ड्रिस ने करीना को जो मेल लिखा था, उस मेल का टेक्स्ट को साक्ष्य के रूप में ट्रिब्यूनल के सामने रखा गया। मेल में लिखी भाषा और चिह्नों के बारे में गासपरोवा ने कहा कि 'XX का मतलब चुंबन से है और YY का मतलब सेक्सुअल संबंध बनाने के लिए है और ??? का मतलब यह पूछने के लिए है कि आप इन दोनों चीजों के लिए तैयार हैं।' गासपरोवा ने ट्रिब्यूनल के जजों से कहा कि उनका मानना है कि बॉस उसके साथ शारीरिक संबंध बनाना चाहते थे लेकिन इस तरह का संबंध बनाने से उसने इंकार कर दिया था। इस वजह से वह उस पर चिल्लाए भी थे।

दावा साबित नहीं होने पर महिला पर जुर्माना

हालांकि, ट्रिब्यूनल जब इस मामले की गहराई में गया और सभी साक्ष्यों को देखा तो उसने पाया कि यह मामला दूसरी तरह का है। 'द इंडिपेंडेट' ने जज एम्मा बर्न्स के हवाले से कहा कि 'महिला ने अपने दावा साबित करने के लिए जो भी साक्ष्य दिए या जो तर्क पेश किए वे सही नहीं थे, इसलिए हमने उसके दावों को खारिज कर दिया। उसमें बिना साक्ष्य के गंभीर आरोप लगाने की आदत है। कोर्ट में वह अपने दावों को साबित नहीं कर पाई। गासपरोवा ने ऑफिस के सामान्य कामकाज के माहौल को संकीर्ण नजरिए से देखा। उसकी मंशा ठीक नहीं थी।' दिलचस्प बात यह है कि कोर्ट ने गासपरोवा पर 5,000 पाउंड (करीब पांच लाख रुपए) का जुर्माना भी लगा दिया। उसे यह रकम कंपनी को देनी होगी।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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