Worlds Longest Train Journey: 142 स्टेशन, 87 शहर पार कर 7 दिन में अपना सफर पूरा करती है ये ट्रेन
दुनिया का सबसे लंबा रेल रूट भारत में नहीं है। एक स्टेशन से दूसरे तक पहुंचने में सबसे ज्यादा समय भी कोई भारतीय रेल नहीं लेती। भारत में सबसे ज्यादा समय विवेक एक्सप्रेस लेती है जो तीन दिन से ज्यादा का समय लेकर अपने गंतव्य तक पहुंचती है। लेकिन जिसकी हम बात कर रहे हैं उसे सफर पूरा करने में 7 दिन लगते हैं।
दुनिया का सबसे लंबा रेल रूट
Worlds Longest Train Journey: अगर आपसे पूछा जाए कि आपका सबसे लंबा ट्रेन का सफर कौन सा था तो आप उसके बारे में सोचकर भी घबरा जाएंगे। क्योंकि भारत में कई ट्रेन रूट ऐसे हैं, जहां तीन-चार दिन में ट्रेन अपने सोर्स स्टेशन से डेस्टिनेशन तक पहुंचती है। कई लोग तीन-चार दिन का सफर करके अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। भारतीय रेलवे का सबसे लंबा रूट (Longest Rail Route in India) भी कन्याकुमारी से डिब्रूगढ़ (Kanyakumari- Dibrugarh) 4,218.6 किमी लंबा है। इस रूट पर ट्रेन को अपना सफर पूरा करने में 74 घंटे से ज्यादा यानी 3 दिन से ज्यादा का समय लगता है। लेकिन हम जिस ट्रेन रूट की बात कर रहे हैं वह दुनिया का सबसे लंबा ट्रेन रूट है। चलिए जानते हैं -
9 हजार किमी से लंबा रूटदुनिया का सबसे लंबा रेल रूट भारत के सबसे लंबे रेल रूट से दोगुने से भी ज्यादा लंबा है। इसकी कुल लंबाई 9289 किमी है। इस सफर को पूरा करने में ट्रेन को 166 घंटे यानी करीब 7 दिन का समय लगता है। एक्सप्रेस ट्रेन से भी यह दूरी 144 घंटे यानी 6 दिन में तय हो पाती है। यही नहीं इस रूट पर ट्रेन कुल 8 टाइम जोन को पार करती है।
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टाइमजोन की गुत्थी क्या हैहर एक टाइमजोन में एक घंटे का फर्क होता है। इसको उदाहरण से समझते हैं। अगर ट्रेन दोपहर 2 बजे पहले स्टेशन से छूटती है तो 8 टाइमजोन दूर उसके डेस्टिनेशन स्टेशन पर सुबह के 6 बज रहे होंगे। एक अन्य उदाहरण - ट्रेन सुबह 6 बजे एक स्टेशन से आगे निकली और इस पूरे सफर को उसने सिर्फ 8 घंटे में पूरा कर लिया तो दूसरे छोर पर भी ट्रेन सुबह के 6 ही बजे ही पहुंच जाएगी। हालांकि, इतनी लंबी दूरी को सिर्फ 8 घंटे में तय करना संभव नहीं है।
कौन सा रूट है येजिस ट्रेन रूट की बात हम कर रहे हैं वह रूस में मौजूद है। इसे ट्रांस साइबेरियन रेल रूट (Trans-Siberian route) कहा जाता है। इस रूट पर मॉस्को से व्लादिवोस्टक के बीच ट्रेन कुल 87 शहरों और 142 स्टेशनों से होकर गुजरती है। एक छोर से दूसरे छोर तक पहुंचने में ट्रेन को लगभग 7 दिन का समय लगता है। इसे दुनिया की सबसे लंबी डायरेक्टर ट्रेन जर्नी का दर्जा हासिल है।
इस रेल रूट पर दो ट्रेन सेवाएं चलती हैं। एक एक्सप्रेस सर्विस हर दो दिन में इस रूट पर चलती है और साधारण ट्रेन रोज मास्को से व्लादिवोस्टक और व्लादिवोस्टक से मास्को के लिए चलती है। यह रेल रूट इतना लंबा है कि हर समय इस रूट 6 डेली ट्रेन किसी न किसी हिस्से में दौड़ रही होती हैं। कम से कम तीन एक्सप्रेस ट्रेन भी हर समय इस रूट पर मौजूद रहती हैं।
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भारत की सबसे लंबी रेलजैसा कि हमने ऊपर ही बताया भारत का सबसे लंबा रेल रूट कन्याकुमारी से डिब्रूगढ़ के बीच है। इस रूट पर विवेक एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन चलाई जाती है। इस रूट पर विवेक एक्सप्रेस को सफर पूरा करने में 3 दिन से ज्यादा का समय लगता है। इस दौरान ट्रेन 8 राज्यों से होकर गुजरती है। विवेक एक्सप्रेस को स्वामी विवेकानंद की 150वीं जयंती के अवसर पर साल 2011-12 में चलाया गया था।
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