शी जिनपिंग तीसरी बार चुने गए प्रमुख, माओ के बाद ऐसा करने वाले पहले नेता,भारत के साथ कैसे होंगे रिश्ते !
Xi Jinping Selected Leader of CPC: शी जिनपिंग के तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही पार्टी का करीब 30 साल पुराना नियम भी टूट गया है।असल में1980 के बाद से राष्ट्रपति पद के लिए 10 साल के कार्यकाल का नियम बनाया गया था। इसके पहले माओत्से तुंग ने करीब तीन दशक तक चीन पर शासन किया था।
फाइल फोटो:शी जिनपिंग को रिकॉर्ड तीसरी बार कार्यकाल
- नया कार्यकाल मिलने के बाद यह संभावना है कि जिनपिंग भी माओ की तरह लंबे समय तक सत्ता में बने रहेंगे।
- गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद भारत और चीन के रिश्ते तल्ख बने हुए हैं।
- फिर से नेता चुने के बाद जिनपिंग ने कहा है कि दुनिया को चीन की और चीन को दुनिया की जरूरत है।
जिनपिंग के वर्चस्व ने बदल दी परंपरा
जिनपिंग के तीसरी बार चीन के राष्ट्रपति बनने के साथ ही पार्टी का करीब 30 साल पुराना नियम भी टूट गया है।असल में1980 के बाद से राष्ट्रपति पद के लिए 10 साल के कार्यकाल का नियम बनाया गया था। अब चूकिं जिनपिंग तीसरी बार अगले 5 वर्ष के लिए चुन लिए गए हैं, तो पुराने नियम को किनारे कर दिया गया है। इसके पहले माओत्से तुंग ने करीब तीन दशक तक चीन पर शासन किया था। नया कार्यकाल मिलने के बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि जिनपिंग भी माओ की तरह लंबे समय तक सत्ता में बने रह सकते हैं।
कई वरिष्ठ नेता हुए दरकिनार
पार्टी में नंबर दो के नेता एवं प्रधानमंत्री ली क्विंग समेत अधिकतर वरिष्ठ नेता या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या वे केंद्रीय समिति में जगह नहीं बना पाए, जिसके कारण चीन की राजनीति एवं सरकार में बड़ी उथल-पुथल हुई। और तीसरी बार चुने जाने के बाद शी जिनपिंग निश्चित तौर पर काफी ताकतवर होकर उभरे हैं। ऐसे में आने वाले समय जिनपिंग का चीन पर एक छत्र राज होगा। इस बीच तीसरी बार प्रमुख चुने के बाद जिनपिंग ने मीडिया से कहा है कि चीन को दुनिया की और दुनिया को चीन की जरूरत है।
भारत से कैसे होंगे रिश्ते
जिनपिंग का अगले 5 साल के लिए राष्ट्रपति बनने से साफ है कि आने वाले समय में भारत के लिए चीन के साथ संबंध सुधारने की बड़ी चुनौती होगी। खास तौर से जिस तरह से गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद दोनों देशों के रिश्ते तल्ख हुए हैं। उसे सामान्य बनाना आसान नहीं दिख रहा है। देखना यह है कि तीसरे कार्यकाल में शी जिनपिंग पुराने रवैये में बदलाव लाते हैं, या फिर पहले की तरह ही तल्खी को बरकार रहती है।
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