अब जिनपिंग चले रूस: बाइडन को सिर्फ जवाब या वाकई बदल रही महाशक्तियों के बीच सामरिक स्थिति?

एक रिपोर्ट में कहा गया कि पुतिन से मुलाकात के दौरान चीनी राष्ट्रपति यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को समाप्त करने लिए मध्यस्थता भी कर सकते हैं। अगर, वह इसमें कामयाब रहते हैं तो कूटनीतिक तौर पर यह अमेरिका के लिए बड़ी हार होगी।

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शी जिनपिंग व रूसी राष्ट्र्रपति व्लादिमीर पुतिन

Xi Jinping Russia visit: रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनिया की आर्थिक और कूटनीतिक स्थितियों में बड़ा परिवर्तन आया है। एक तरफ अमेरिका और अन्य पश्चिमी ताकतें हैं, तो दूसरी तरफ रूस अकेला खड़ा है। भारत अभी तक इस मामले में तठस्थ रहा है। हालांकि, चीन को लेकर यह बात नहीं कही जा सकती है। यूक्रेन मुद्दे पर बीजिंग का रूस को गुप्त समर्थन किसी से छिपा नहीं है।

इन सबके बीच कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया है कि चीनी राष्ट्रपति इसी सप्ताह रूस का दौरा कर सकते हैं। अगर यह बात सही निकलती है तो रूस को अलग-थलग करने की कोशिश में लगे अमेरिका जैसे पश्चिमी देशों के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा। इसके अलावा भी कुछ हालिया घटनाक्रम ऐसे हुए हैं, जिन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि दुनिया की सामरिक स्थितियों में भी तेजी से बदलाव हो रहा है। आइए जानते हैं, उन प्रमुख घटनाओं के बारे में जिन्होंने महाशक्तियों को आमने-सामने खड़ा कर दिया है...

बाइडन की यूक्रेन यात्रारूस-यूक्रेन के बीच जंग छिड़े एक साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। बीते महीने 24 फरवरी को दोनों के बीच जंग को एक साल पूरा हुआ था। इससे ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन की यात्रा की थी। बाइडन की यह यात्रा काफी गुपचुप तरीके से हुई। इस दौरान बाइडन ने यूक्रेन को बड़ी मदद की घोषणा भी की, जिससे रूस भड़क गया और उसने यूक्रेन की राजधानी कीव पर हमले तेज कर दिए। इसके साथ ही अमेरिका और रूस सीधे तौर पर आमने-सामने आ गए।

अमेरिका में चीनी गुब्बारे का दिखना अमेरिका और चीन के बीच तनातनी किसी से छिपी नहीं है। कई मुद्दों पर दोनों देशों के बीच टकराव की स्थिति है। हालांकि, पिछले दिनों एक ऐसी घटना हुई, जिसने दोनों देशों के बीच संबंधों को सबसे खराब स्तर पर पहुंचा दिया। दरसअल, हाल ही में अमेरिका के हवाई क्षेत्र में चीनी गुब्बारा दिखाई दियाा था, जिसे अगले दिन अमेरिका ने मार गिराया। इसके बाद पेंटागन ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें इस तरह के अन्य गुब्बारों के जरिए जासूसी कराने की बात सामने आई। इस घटना ने चीन और अमेरिका के बीच टकराव की स्थिति पैदा कर दी।

जिनपिंग की संभावित रूस यात्राइन सबके बीच एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें कहा गया कि चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इसी सप्ताह रूस का दौरा कर सकते हैं। यूक्रेन युद्ध के बाद से यह दो महाशक्ति देशों के प्रमुखों के बीच पहली मुलाकात होगी। इस मुलाकात को लेकर कई कयास भी लगाए जा रहे हैं, जो अमेरिका के लिए चिंता का विषय है। यह भी कहा जा रहा है कि जिनपिंग, पुतिन से मुलाकात के दौरान यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध को समाप्त करने लिए मध्यस्थता भी कर सकते हैं। अगर, वह इसमें कामयाब रहते हैं तो कूटनीतिक तौर पर यह अमेरिका के लिए बड़ी हार होगी।

ब्लैक सी पर अमेरिकी ड्रोन व रूसी जेट में टकराव एक ताजा घटनाक्रम और भी है, जो दो महाशक्तियों के बीच सामरिक स्थितियों में कई बदलाव ला सकता है। दअरसल, बुधवार को काला सागर के ऊपर रूसी फाइटर जेट Su-27 और अमेरिकी ड्रोन MQ-9 के बीच टक्कर हो गई। इस घटनाक्रम ने भी दोनों देशों को सीधे तौर पर आमने-सामने खड़ा कर दिया है। बता दें, काला सागर वह जल क्षेत्र है, जिसकी सीमाएं रूस और यूक्रेन दोनों से मिलती हैं, यूक्रेन साथ जंग शुरू होने के बाद इस जल क्षेत्र के ऊपर सैन्य गतिविधियां काफी बढ़ गई हैं।

अमेरिका- साउथ कोरिया का युद्धाभ्यास हाल ही में 13 मार्च को अमेरिका ने साउथ कोरिया के साथ पांच साल का सबसे बड़ा 11 दिवसीय युद्धाभ्यास शुरू किया है। इस युद्धाभ्यास ने उत्तर कोरिया को भड़का दिया है। इसके जवाब में तानाशाह किम जोंग उन ने बैलेस्टिक व क्रूज मिसाइलों को लॉन्च कर सीधे तौर पर अमेरिका और साउथ कोरिया को धमकी दे डाली है। तीनों देश अब आमने-सामने हैं।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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