Yeti Airline Crash: पिता की बात मान ली होती तो शायद बच जाती ओसिन

24 साल की ओसिन को मौत बुलावा दे रही थी। नेपाल के पोखरा में येती एयरलाइंस हादसे में एक शिकार वो भी है। ओसिन के पिता बताते हैं कि उन्होंने मना किया था। लेकिन उसने कहा था कि सिर्फ दो ड्यूटी पूरी कर लेने दीजिए।

येती एयरलाइंस हादसे में कुल 72 लोग मारे गए थे।

24 वर्ष की ओसिन अब इस दुनिया में नहीं है। उसके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। येती एयरलाइंस की प्लेन संख्या(9N-ANC ATR-72)में वो फ्लाइट अटेंडेट की भूमिका में थी जो पोखरा में हादसे का शिकार हो गया था। उस हादसे में कुल 69 लोगों की मौत हुई थी जिसमें पांच भारतीय भी थे। ओसिन के माता पिता के अब उसकी यादें ही शेष हैं। उसके पिता मोहन अल मगर का कहना है कि उन्होंने अपनी बेटी से कहा था कि वो उस दिन फ्लाइट का हिस्सा ना बने। आने वाला दिन खास है, बता दें कि ओसिन ने अपने पिता से कहा था कि धूमधाम से मकर संक्रांति का त्योहार मनाएंगे। लेकिन अब वो कभी संभव नहीं होगा।
संबंधित खबरें

अब सिर्फ यादें शेष

ओसिन के पिता कहते हैं कि जब उन्हें हादसे की खबर मिली तो पूरा परिवार मकर संक्रांति को धूमधाम से मनाने की तैयारी में जुटा हुआ था। सेना से रिटायर्ड पिता आंखों में आंसू के साथ कहते है कि उन्होंने अपनी बेटी को मना किया था। लेकिन उसने कहा कि दो फ्लाइट पूरी करने के बाद वो धूमधाम से मकर संक्रांति का त्योहार मनाएगी। पिछले दो साल से ओसिन येती एयरलाइंस के लिए काम कर रही थी। नेपाल के चितवन जिले की माडी की रहने वाली ओसिन काठमांडू में रह रही थी और उसके माता पिता भी पिछले 6 महीने से उसके साथ काठमांडू में ही रह रहे थे।चार भाई बहनों में ओसिन सबसे बड़ी थी। अपने भाई बहनों की बेहतर पढ़ाई के लिए वो सबको काठमांडू ले गई थी। ओसिन की पढ़ाई भारत में गेंडकोट के ऑक्सफोर्ड कॉलेज में हुई थी और सहारा एयर होस्टेस एकेडमी काठमांडू से आगे की पढ़ाई की थी। दो साल पहले उसकी शादी हुई थी और पति यूके में है।
संबंधित खबरें

1992 के बाद बड़ा हादसा

संबंधित खबरें
End Of Feed