Agra News: ताजनगरी आगरा में मृतक आश्रित कोटे में सरकारी नौकरी के लालच में इंस्पेक्टर दंपत्ति का छोटा बेटा अपने बड़े भाई का दुश्मन बन बैठा। छोटे बेटे ने अपने ही घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया और बड़े भाई को जेल भिजवाने की कोशिश की। उसने अधिकारियों पर भी दबाव बनाया। आरोपी ने पुलिस को कोर्ट में भी घसीटा। हालांकि पुलिस दबाव में नहीं आई। गुरुवार को पुलिस ने खौफनाक साजिश का पर्दाफाश कर दिया। आरोपी को जेल भेज दिया गया है। आरोपी की साजिश में उसकी मौसी, मौसेरा भाई और दो दोस्त भी शामिल हैं।
जानकारी के अनुसार, काननवन, कालिंदी विहार के रहने वाले दलवीर सिंह इंस्पेक्टर थे। उनकी पत्नी धनुष कुमारी भी पुलिस विभाग में इंस्पेक्टर थीं। सात फरवरी 2022 को उनकी कैंसर से मौत हो गई। इसके बाद शव को एसएन मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया।
इस दौरान बड़ा बेटा दिव्यांशु सिंह अस्पताल में रह गया। तीन-चार घंटे के लिए छोटा बेटा भानुप्रताप गायब रहा। एसपी सिटी विकास कुमार के अनुसार, भानुप्रताप इस दौरान अपने घर चला गया। वह घर के अंदर घुसा। ग्राइंडर से कुंडी काटी और टाइल्स तोड़े। इसके बाद बक्से में रखे मां के पुश्तैनी जेवरात चोरी कर लिए। इसके पीछे आरोपी की मंशा बड़े भाई दिव्यांशु को चोरी के मुकदमे में जेल भिजवाने की थी। एसपी सिटी विकास कुमार ने बताया कि दिव्यांशु ने लव मैरिज की थी। धनुष कुमारी ने एक वसीयत की थी कि 25 प्रतिशत संपत्ति बड़े बेटे को मिलेगी। 75 प्रतिशत भानुप्रताप को। मृतक आश्रित कोटे में भी नौकरी दिव्यांशु को मिलेगी। लेकिन भानुप्रताप चाहता था कि उसे नौकरी मिले।
भानुप्रताप ने पुलिस से घर में चोरी की शिकायत की। मामले की पुलिस ने जांच की। जांच के बाद बड़े भाई दिव्यांशु सिंह की तहरीर पर पुलिस ने धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की धारा के तहत छोटे भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर एत्मादुद्दौला की मदद के लिए एसओजी प्रभारी कुलदीप दीक्षित और सर्विलांस प्रभारी सचिन धामा को भी लगाया। सर्विलांस से सामने आया कि मां का शव पीएम हाउस पर था। भानुप्रताप एक घंटे के लिए अपने घर गया था। पुलिस ने सबूत जुटाए और उसे पकड़ लिया।
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