Illegal Transport Company: आगरा में 240 अवैध ट्रांसपोर्ट कंपनियों को भेजे गए नोटिस,आरटीओ कर सकता है कार्रवाई

Illegal Transport Company:  उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में अब अवैध रूप से ट्रांसपोर्ट कंपनी चलाना संभव नहीं होगा। पहले से संचालित ऐसी अवैध कंपनियों को नोटिस जारी हो गए हैं।

Illegal Transport Company: 
अवैध ट्रांसपोर्ट कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर फैसला हुआ  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • आगरा में करीब 500 ट्रांसपोर्ट कंपनी चल रहीं हैं
  • कैरिज बाई रोड एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन जरूरी
  • 104 कंपनियों ने एक्ट के तहत पंजीकरण कराया

Illegal Transport Company: देशभर में हजारों ट्रांसपोर्ट कंपनियां चलाई जा रही हैं। अकेले 500 ट्रांसपोर्ट कंपनी उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में संचालित हैं, लेकिन इन 500 कंपनियों में से 240 कंपनियां अवैध हैं, जिन्हें जिले के आरटीओ कार्यालय की तरफ से नोटिस जारी कर दिए गए हैं। यह जानकारी आरटीओ प्रभारी एके सिंह ने दी है।

एके सिंह ने बताया कि ट्रांसपोर्ट कंपनी कैरिज बाई रोड एक्ट के तहत पंजीकृत होनी अनिवार्य है। लेकिन जिले में अभी तक 104 कंपनियों ने ही इस एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है। 250 कंपनियां अवैध मिली हैं, जिन्हें नोटिस भेजे गए हैं। अगर वे बंद नहीं हुई तो आरटीओ की तरफ से कार्रवाई की जाएगी।

बैठक के बाद जारी हुए थे नोटिस
आरके सिंह ने बताया कि टीटीजेड अथॉरिटी की बैठक हई थी। इस बैठक में अवैध ट्रांसपोर्ट कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने पर फैसला हुआ था। इसी फैसले पर अमल करते हुए अवैध ट्रांसपोर्ट कंपनियों को नोटिस भेजे गए हैं। अवैध कंपनियां धड़ल्ले से माल ढुलाई का काम कर रही हैं, लेकिन रजिस्टर्ड नहीं हैं।

पंजीकरण नहीं कराया तो प्रवर्तन टीमें करेंगी कार्रवाई
आरके सिंह ने बताया कि अगर अवैध ट्रांसपोर्ट कंपनियां बंद नहीं हुई तो इनके खिलाफ प्रवर्तन टीमें कार्रवाई करेंगी। यमुना किनारा रोड, बालूगंज, फ्रीगंज में अवैध कंपनियों के ऑफिस हैं। आईएसबीटी के पास ट्रांसपोर्ट नगर बन गया है, इसलिए कंपनियों को शिफ्ट होने को कहा गया था, लेकिन वे शिफ्ट नहीं हुईं।

ट्रांसपोर्टरों ने बढ़ाया 15 प्रतिशत किराया
डीजल और पेट्रोल की कीमतों में हो रही लगातार वृद्धि से आम आदमी से लेकर ट्रांसपोर्ट कारोबार प्रभावित हुआ है। 22 मार्च से लगातार तेल के दाम बढ़ रहे हैं । पिछले 18 दिन के अंदर 10.02 रुपये डीजल पर प्रति लीटर इजाफा हो चुका है, जिसे देखते हुए ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने भाड़ा में इजाफा किया है।

ट्रांसपोर्ट संगठनों ने भाड़े में 15 फीसद की बढ़ोतरी की है। इससे व्यापारियों पर मूल्य वृद्धि की मार पड़ेगी तो आम आदमी की जेब पर सीधा भार बढ़ेगा। कुछ व्यापारियों ने एक से तीन वर्ष का करार कर रखा है, जबकि प्रति चक्कर भाड़ा चुकाने वाले भी काफी संख्या में हैं।

बड़े व्यापारी टर्नओवर बढ़ाकर भाड़ा मैनेज कर लेंगे, लेकिन छोटे व्यापारियों के सामने मुश्किल होगी। वे दवाइयों के मूल्य तो बढ़ा सकते नहीं, भार उन पर ही पड़ना है।
- महेश अग्रवाल, महामंत्री, आगरा फार्मा एसोसिएशन

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