आगरा : अगली बार जब आप मथुरा जाएंगे तो आपको एहसास होगा जैसे आप एक बार फिर द्वापर काल में कृष्ण से मिलने आये हैं। वह विशालकाय वट वृक्ष जिसके नीचे भगवान श्री कृष्ण बांसुरी बजाकर लीलाएं किया करते थे, वह वन, जिसमें कहा जाता है कि ब्रह्मा जी ने राधा-कृष्ण का विवाह कराया था, सब आपको एक नये रूप में देखने को मिलेंगे। तो आइये भगवान कृष्ण की जन्मभूमि में आपका स्वागत है और मिलिए अपने कान्हा से।
तेजी के साथ चल रहे विकास कार्य
कान्हा की नगरी में तेजी के साथ विकास कार्य चल रहे हैं। पूरे ब्रज क्षेत्र में युद्धस्तर से काम हो रहे हैं। गोवर्धन, वृदावन परिक्रमा मार्ग का विकास हुआ है। मांट क्षेत्र में वंषीवट में कृष्ण गोपियों के साथ बांसुरी वादन करते थे। यहां पर एक वट था जिसका यमुनापार तक विस्तार था। इसका भी सौन्दर्यीकरण किया गया है। भांडीर वन आज भी राधा-कृष्ण विवाह की गाथा को जीवंत कर रहा है। राधा-कृष्ण के भांडीरवन में विवाह का वर्णन किया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार ब्रम्हा जी ने राधा कृष्ण का विवाह कराया था।
नंदग्राम में वृंदाकुंड विकसित हुआ
सारे देवी देवता इसके साक्षी थे। इसके अलावा कान्हा ग्वाल वालों के संग भोजन करना, वृक्षों की लंबी शाखाओं पर चढ़कर खेलना-कूदना और यमुना पार करने एवं असुरों के वध की लीलाएं भगवान कृष्ण ने भांडीरवन में की हैं। नंदग्राम में वृंदाकुंड विकसित हो गया है। राधाकुंड में नारद कुंड विकसित हो गया है। गोकुल को काफी चमकाया जा रहा है। मथुरा के नंदगांव में रंगीली चौक और कृष्ण कुण्ड के पास पार्किंग एवं जनसुविधा केंद्र के निर्माण के वैकल्पिक स्थान के लिए फिर से डीपीआर तैयार कराई जा रही है।
27 कार्यों में से 22 काम पूरे हो चुके हैं
दो साल के प्रस्तावित कार्यों में से बहुत से पूरे भी हो चुके हैं। सभी कार्यों के पूरा होने पर ब्रज क्षेत्र ( वृंदावन, गोवर्धन, नंदगांव, बरसाना और मथुरा) परंपरा और आधुनिकता के संगम जैसा नजर आएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर उनकी अध्यक्षता में करीब चार साल पहले समूचे ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद (यूपीडीटीवीपी) का गठन हुआ था। यूपीडीटीवीपी की ओर से 2018-19 में कुल 27 कार्य प्रस्तवित थे। इनकी स्वीकृत और संशोधित लागत क्रमश: 9033.69 लाख रूपए थी। सरकार की और से इसके लिए 6959.17 लाख रुपये अवमुक्त किए गये थे। 27 कार्यो में से 22 काम पूरे हो चुके हैं।
इसी तरह यूपीडीटीवीपी की वर्ष 2019-20 की कार्ययोजना में कुल 56 कार्यों के लिए शासन को प्रस्ताव भेजे गये थे, इनकी संशोधित लागत 21908.325 लाख रुपये थी। इसके बदले में सरकार की ओर से करीब 12060 लाख रुपए अवमुक्त किए गए। इनमें से करीब दो दर्जन काम पूरे हो चुके हैं। करीब आधा दर्जन काम शासन, विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने या व्याहारिक न होने के कारण शुरू नहीं हो सके हैं। बाकी पर काम जारी है। यूपीडीटीवीपी के प्रस्ताव के अनुसार वर्ष 2020-21 में 13 कार्यों के लिए प्रस्ताव भेजे गये हैं। इनकी कुल लागत 8780.29 लाख रुपये है। शासन की ओर से इसके एवज में 2487.31 लाख रुपए अवमुक्त भी किए जा चुके हैं।
पुराने स्थलों का हो रहा जीर्णोद्धार
उपमुख्य कार्यपालक अधिकारी पंकज वर्मा का कहना है कि पूरे ब्रज क्षेत्र को विकसित किया जा रहा है। पुराने स्थलों जीर्णोद्धार किया जा रहा है। कुंड घाटों को विकसित कराया गया है। नंदगांव के टेर कदम में 108 वृक्षों को लगाया गया है। यहां पर सभी सुविधाओं को तेजी के साथ निखारा जा रहा है। ज्ञात हो कि योगी सरकार के बनने के बाद तीर्थस्थलों का विकास और वहां के महत्व के पर्व त्यौहार को बहुत भव्यता के साथ मानाया जा रहा है। चाहे अयोध्या का दीपोत्सव हो या मथुरा रंगोत्सव सबको पूरे हर्ष के साथ मनाया जा रहा है। बताया जा रहा ब्रज क्षेत्र के सभी कार्य दिसम्बर तक पूरे होने की संभावना है। इसके अलावा अगस्त में आ रहे अनुपूरक बजट में भी ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए बजट मिलने की संभावना जताई जा रही है।
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