लाइव टीवी

आगरा में बनेगा मंकी रेस्क्यू सेंटर, 33 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा निर्माण, किसी भी बीमारी की होगी पहचान

Updated Jun 28, 2022 | 17:53 IST

Agra Rescue Center: आगरा-मथुरा के बीच में 33 हेक्टेयर क्षेत्र में मंकी रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। मंकी रेस्क्यू सेंटर के लिए जमीन की तलाश तेज हो गई है।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspANI
आगरा में बनेगा मंकी रेस्क्यू सेंटर
मुख्य बातें
  • आगरा और मथुरा में बंदरों से मिलेगी निजात
  • आगरा-मथुरा के बीच बनाया जाएगा मंकी रेस्क्यू सेंटर
  • 33 हेक्टेयर क्षेत्र में होगा निर्माण, जमीन की तलाश तेज

Monkey Rescue Center: ताजनगरी आगरा के निवासियों व आसपास के जिले के लोगों को उत्पाती बंदरों के आतंक से जल्द निजात मिलने वाली है। इसके लिए बहुत जल्द मंकी रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। मंकी सेंटर के 33 हेक्टेयर जमीन की जरूरत होगी। वन विभाग ने मथुरा के फरह, चौमुहां और बलदेव क्षेत्र में जमीन देखी हैं। सेंटर निर्माण के वन विभाग के प्रस्ताव को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (सीजेडए) नई दिल्ली पहले ही हरी झंडी दिखा चुका है। जमीन की तलाश तेज हो गई है। सीजेडीए जमीन पर मुहर लगाएगी। जोर इस पर है कि, सेंटर आगरा-मथुरा के बीच में हो।

गौरतलब है कि, ब्रज में बंदरों के आतंक का आलम यह है कि, आगरा के जिला अस्पताल में प्रतिदिन पीड़ित लोग बंदरों के हमले के शिकार होकर एंटी रेबीज की डोज लेने आ रहे हैं। यही नहीं, आगरा-मथुरा में चार दर्जन से ज्यादा लोगों की पिछले दिनों में मौत हो चुकी है। 

किसी भी बीमारी की होगी पहचान

आए दिन बंदरों के हमले में लोग घायल भी हो रहे हैं। बंदरों के आतंक से स्थानीय निवासी ही नहीं, आगरा में पर्यटक तो मथुरा में श्रद्धालु आतंकित हैं। वहीं, पशु चिकित्सकों के मुताबिक, अधिकांश बंदर किसी न किसी बीमारी का शिकार हैं। रेस्क्यू सेंटर के माध्यम से बीमार बंदरों का उपचार और परीक्षण हो सकेगा। हालांकि नसबंदी की प्रक्रिया भी आसान नहीं है। नसबंदी से पूर्व बंदरों को सामान्य स्थिति में लाने के लिए या गंभीर बीमार बंदरों को रेस्क्यू सेंटर पर ही रखने की प्लानिंग भी है।

अब केवल डीपीआर की स्वीकृति का इंतजार

नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि, नगर निगम, वन विभाग और वेटेरिनरी विवि को मंकी रेस्क्यू सेंटर की स्थापना पर मिलकर काम करना है। डीपीआर की स्वीकृति का इंतज़ार है। इस मामले में प्रमुख सचिव वन और प्रमुख सचिव नगर विकास को भी पत्र लिखा गया है। डीएफओ रजनीकांत मित्तल ने बताया कि, बंदरों की समस्या के समाधान के लिए डीपीआर शासन को भेजी जा चुकी है।

Agra News in Hindi (आगरा समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।