- एक महीने में उप प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से वेस्ट टू एनर्जी प्लांट की मिली मंजूरी
- अब भी नगर निगम को आधा दर्जन विभागों से लेना होगा एनओसी
- 170 करोड़ रुपए से कुबेपुर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट बनाया जाएगा
Electricity in Agra: आगरावासियों के लिए बेहद अच्छी खबर है। अब यहां कचरे से बिजली उत्पादित होगी। इस दिशा में काम शुरू हो गया है। इसके लिए वेस्ट टू एनर्जी प्लांट लगाया जाएगा। प्लांट लगाने के लिए लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने मंजूरी भी दे दी है। नगर निगम ने मंजूरी के लिए एक महीने पहले यूपीपीसीबी के पास प्रस्ताव भेजा था। इसके अलावा नगर निगम को आधा दर्जन विभागों से प्लांट लगाने के लिए मंजूरी लेनी होगी।
इनमें आगरा डेवलमेंट अथॉरिटी (एडीए), अग्निशमन विभाग, वन विभाग आदि शामिल हैं। बता दें, स्पाक ब्रेसान कंपनी की ओर से कुबेपुर स्थित खत्ताघर में वेस्ट टू एनर्जी प्लांट विकसित किया जा रहा है। इसके निर्माण पर कंपनी 170 करोड़ रुपए खर्च कर रही है। इस प्लांट में हर दिन 800 टन कूड़े से 15 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाएगा।
100 वार्डों से हर दिन निकलता है 800 टन कचरा
आगरा शहर के 100 वार्डों से हर दिन करीब 800 टन कचरा निकलता है। अब इससे बिजली का उत्पादन किया जाएगा। कंपनी और नगर निगम प्रशासन ने बिजली उत्पादन को लेकर अन्य विभागों से एनओसी लेने की कार्यवाही शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि, अगले एक महीने में सभी विभागों से प्लांट शुरू करने के लिए एनओसी मिल जाएगी। इसके बाद प्लांट के निर्माण के लिए टेंडर निकाला जाएगा। फिर चयनित कंपनी को वर्क ऑर्डर जारी कर काम शुरू करा दिया जाएगा।
कचरे से कैसे बनती है बिजली
कचरे से बिजली उत्पादन का काम कई जगहों पर काफी पहले से चल रहा है। इसमें बिजली उत्पादन के लिए ठोस कचरे को गैस के रूप में बदला जाता है। ठोस कचरे को जलाकर बिजली पैदा की जाती है। इसमें कचरे के इकट्ठा किए गए ऑर्गेनिक्स को उच्च तापमान पर जलाया जाता है। इस प्रक्रिया को थर्मल ट्रीटमेंट कहा जाता है। थर्मल ट्रीटमेंट से ऊष्मा ऊर्जा बनती है। इसके अलावा भी कई विधि हैं, जिससे कचरे से बिजली का उत्पादन होता है।