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Agra Sadar Tehsil Strike: आगरा की सदर तहसील में बैनामे हुए शुरू, सात दिन बाद हड़ताल खत्म, जानिए क्या थी वजह

Updated May 27, 2022 | 18:01 IST

Agra Sadar Tehsil Strike: आगरा जिले के थाना शाहगंज में दस्तावेज लेखक की तहरीर पर लूट का केस दर्ज किया गया। इसके बाद अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों ने हड़ताल खत्म की। आज से सदर तहसील में बैनामा व अन्य कार्य शुरू हो गए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspBCCL
खत्म हुई आगरा सदर तहसील में हड़ताल (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • सदर तहसील में लेखक निबंधन के कार्य शुरू
  • अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों की हड़ताल खत्म
  • दस्तावेज लेखक के साथ हुई लूट की घटना का कर रहे थे विरोध

Agra Sadar Tehsil Strike: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में दस्तावेज लेखक राजेंद्र कुमार जैन की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ लूट का मुकदमा दर्ज होने पर तहसील सदर में 20 मई से चली आ रही अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों की हड़ताल समाप्त हो गई। तहसीलदार सदर रजनीश वाजपेयी व सब इंस्पेक्टर अवनीश त्यागी ने धरनास्थल पर पहुंच एफआईआर की कॉपी वकीलों को सौंपी। इसके बाद तहसील बार एसोसिएशन ने आज से न्यायिक व निबंधन कार्य शुरू कर दिया। हड़ताल के चलते तहसील में एक हजार से अधिक दस्तावेज पंजीकृत नहीं हो सके। इससे निबंधन विभाग को करीब दस करोड़ के राजस्व का नुकसान हुआ है। 

गौरतलब है कि 19 मई को दस्तावेज लेखक राजेंद्र कुमार जैन के साथ डेढ़ लाख की लूट की घटना हुई थी। इसका मुकदमा थाना शाहगंज पुलिस ने दर्ज नहीं किया था। इसके विरोध में अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक 20 मई से हड़ताल पर चल रहे थे। जिसकी वजह से बैनामे व अन्य कार्य ठप चल रहे थे। 

अधिवक्ता ने तालाबंदी कर दिया धरना

घटना के विरोध में अधिवक्ता तालाबंदी कर धरना दे रहे थे। दस्तावेज लेखक की तहरीर पर थाना शाहगंज पुलिस ने प्रशासनिक अधिकारियों के प्रयास से आरोपी राहुल चौधरी समेत अन्य के खिलाफ लूट/डकैती, मारपीट समेत अन्य आरोप में मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद तहसीलदार व विवेचक धरनास्थल तहसील सदर पहुंचे और अधिवक्ताओं को एफआईआर की प्रति दी और वार्ता की। मुकदमा दर्ज होने के बाद अधिवक्ताओं व दस्तावेज लेखकों ने हड़ताल खत्म की।

मुकदमा दर्ज होता तो हड़ताल इतनी लंबी न चलती

तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष लालबहादुर राजपूत व आगरा दस्तावेज लेखक एसोसिएशन के अध्यक्ष रामकृष्ण दत्त उपाध्याय ने कहा कि पहले दिन ही मुकदमा दर्ज करा लिया होता तो हड़ताल इतनी लंबी नहीं चलती। जिससे सरकार को राजस्व की हानि नहीं होती। अधिवक्ता व दस्तावेज लेखक निबंधन ने कार्य शुरू कर दिया है। धरने में अधिवक्ता राजीव उपाध्याय, श्याम सुन्दर शर्मा, सुरेश कंसल, निशांत चतुर्वेदी, मुकेश गुप्ता, बृजेश शर्मा, देवी सिंह, भगवान सिंह, दस्तावेज लेखक सतीश पचौरी, सतीश अग्रवाल, लाखन सिंह, द्वारिका प्रसाद, अमित जैन व अन्य थे।

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