- Intel India की रोड सेफ्टी पर प्रेस कॉन्फ्रेंस
- नितिन गडकरी ने कई पॉइंट्स पर रखी बात
- एक्सिडेंट में हर घंटे जाती है 400 लोगों की जान
टेल ने भारत में सड़क सुरक्षा बढ़ाने का अपना लक्ष्य मजबूत करने के लिए टेक्नॉलॉजी का इस्तेमाल करने के अपने लक्ष्य को मजबूत किया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी द्वारा आज नई दिल्ली में उद्घाटित सेफ्टी पायोनियर्स कॉन्फ्रेंस में इंटेल ने अग्रणी संगठन, जेसे टेक्नॉलॉजी एवं ट्रांसपोर्ट प्रदाता, वाहन निर्माता, शिक्षा जगत, और सरकारी संगठनों को एक साथ लाकर सहयोग करने और सड़क सुरक्षा की समस्याओं का समाधान करने का अवसर दिया। अपने अद्वितीय अनुभवों और क्षमताओं के साथ यह सहयोग न केवल सड़क पर जिंदगियां बचाने के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा, बल्कि स्थानीय इनोवेशन को भी बढ़ावा देगा। सेफ्टी पायोनियर्स कॉन्फ्रेंस अग्रणी सड़क सुरक्षा समाधानों और टेक्नॉलॉजी, जैसे इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), एडैस, एवं विस्तृत प्रभाव उत्पन्न करने की क्षमता वाली अन्य विकसित होती टेक्नॉलॉजी प्रस्तुत करने के लिए एक मंच का काम करेगी।
सड़क सुरक्षा पर अपने फोकस को मजबूत करते हुए कंपनी ने इंटेल ऑनबोर्ड फ्लीट सर्विसेज़ (‘‘सॉल्यूशन’’) का प्रदर्शन किया, जो कमर्शियल वाहनों के लिए एक एआई-पॉवर्ड फ्लीट सेफ्टी समाधान है। अपनी तरह के पहले अभियान के रूप में यह विस्तृत समाधान विश्वस्तरीय एवं रोड टेस्टेड टेक्नॉलॅजी प्रस्तुत करता है, जो खास भारतीय परिस्थितियों के अनुरूप विकसित की गई है। यह कोलिज़न एवॉयडैंस सिस्टम (कैस), ड्राईवर मॉनिटरिंग सिस्टम, फ्लीट टेलीमेटिक्स, फ्लीट हैल्थ, एवं फ्यूल एफिशियंसी फीचर्स प्रस्तुत करता है। यह समाधान 16 ग्राहक जैसे श्योर ग्रुप लॉजिस्टिक्स, संक्यू इंडिया लॉजिस्टिक्स, एलेनासंस विभिन्न सेक्टर्स जैसे हज़मत, गोल्ड चेन, थर्ड पार्टी लॉजिस्टिक्स (3पीएल) और एम्प्लॉई ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल कर रहे हैं। देखने में आया है कि यह टेक्नॉलॉजी दुर्घटनाओं की संभावना में 40 से 60 प्रतिशत की कमी ला सकती है और एफिशियंसी के नुकसान में 50 प्रतिशत तक की कमी लाई जा सकती है।
इंटेल इंडिया की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, “सड़क सुरक्षा के लिए तीन सबसे महत्वपूर्ण पॉइंट हैं सुरक्षित वाहन, सुरक्षित सड़कें और सुरक्षित ड्राइवर्स. भारत में आज ये देश की बड़ी समस्या है जहां हर साल 5 लाख दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें 1.5 लाख लोग जान गंवा देते हैं, वहीं 3 लाख से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल होते हैं. हर घंटे भारत में दुर्घटनाओं की वजह से करीब 400 लोग अपनी जान गंवा देते हैं जो चिंता का बड़ा विषय है.”
गडकरी ने आगे कहा, “तमाम प्रयासों के साथ भारत में 2025 तक दुर्घटना में मरने वालों की संख्या को 50 प्रतिशत तक कम करना है और 2030 तक इस आंकड़े को शून्य तक लेकर आना है. ये मुश्किल काम जरूर है, लेकिन असंभव नहीं है. हम सबके प्रयासों से ये मुमकिन हो सकता है. अर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यहां बहुत जरूरी है और नई तकनीक जो पहले से मैजूद हैं, वो लोगों की जान बचाने के में काफी कारगर साबित हो रही हैं. रोड सेफ्टी बढ़ाने के लिए हमें ऑटोमोबाइन कंपनियों के साथ मिलकर 3 दिन का एक कोर्स कराना चाहिए, जहां उन्हें ड्राइविंग के बारे में सिखाने के साथ 3 दिन का सर्टिफिकेट भी देना चाहिए.”
इस कॉन्फ्रेंस और सड़क सुरक्षा के अभियानों के बारे में निवृति राय, कंट्री हेड, इंटेल इंडिया और वाईस प्रेसिडेंट, इंटेल फाउंड्री सर्विसेज़ ने कहा, “हमारे देश में सड़क सुरक्षा एक गंभीर समस्या रही है। यहां पर दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं की दर सबसे ज्यादा है। आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस जैसी आधुनिक तकनीकें वाहनों को स्मार्ट व सुरक्षित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जिससे सड़कें, परिवहन व्यवस्था और ड्राईवर्स सुरक्षित बनते हैं। सरकार, उद्योग एवं शिक्षा जगत से परिवेश के साझेदारों के साथ इंटेल टेक्नॉलॉजी की मदद से भारत को सड़क सुरक्षा के उद्देश्य प्राप्त करने में मदद करने के लिए काम कर रहा है। यह कॉन्फ्रेंस महत्वपूर्ण लोगों को सहयोग करने, इनोवेट करने और भारत में सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक साथ लाने की प्रतिबद्धता को आगे बढ़ा रही है।”
यह कैसे काम करता है?
इंटेल ऑनबोर्ड फ्लीट सर्विसेज़ इन-केबिन डिवाईसेज़ के एक पोर्टफोलियो द्वारा पॉवर्ड है। इसमें एक अत्याधुनिक क्लाउड पोर्टल भी है, जिसमें एक्शनयोग्य जानकारी, एनालिटिक्स, और फ्लीट मैनेजर्स की रिपोर्ट शामिल हैं। इस समाधान में एआई बेस्ड कोलिज़न अवॉयडैंस सिस्टम्स में विश्व की अग्रणी कंपनी, मोबाईलआई की ओर से सर्वश्रेष्ठ एडवांस्ड ड्राईवर असिस्टैंस सिस्टम (एडैस) शामिल है। अपनी इंटीग्रेटेड प्रस्तुति के साथ इंटेल ऑनबोर्ड फ्लीट सर्विसेज़ क्लाउड पोर्टल द्वारा एफिशियंसी बढ़ाने, प्रिवेंटिव मेंटेनेंस संभव बनाने, और संचालन की लागत कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा पब्लिक सेक्टर के परिवहन संगठनों को यह समाधान अपनाकर दुर्घटना के मुआवजे के भुगतान में कमी लाकर काफी आर्थिक लाभ मिल सकता है।
यह जरूरी क्यों है?
भारत में सड़क दुर्घटनाओं की दर दुनिया में सबसे ज्यादा है। यहां पर दुनिया के 1 प्रतिशत वाहन हैं, लेकिन सड़क पर होने वाली मौतें 11 प्रतिशत हैं। भारतीय सड़कों पर हर एक मिनट में एक दुर्घटना होती है और हर घंटे 17 मौतें हो जाती हैं। 10 दुर्घटनाओं में से छः दुर्घटनाओं में कमर्शियल फ्लीट शामिल होती है, जिसे ड्राईवर द्वारा समय पर कदम उठाकर रोका जा सकता है। कमर्शियल फ्लीट उद्योग को दुर्घटनाओं और फ्लीट खराब होने के कारण हर साल 48,000 करोड़ रु. तक का एफिशियंसी नुकसान होता है।