- पुलिस जांच में बर्खास्त कांस्टेबल की संपत्ति 50 करोड़ पाई गई
- देवास एसपी ने उसे सस्पेंड कर दिया है
- पंकज डोडा पोस्त तस्करी के आरोप में अभी जेल में बंद है
MP Millionaire Police Constable: मध्य प्रदेश में एक खाकी वाले के फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। लोगों की आंखों में धूल झोंकने के लिए बाकायदा वर्दी पर 'जनसेवा देशभक्ति' का स्लोगन भी लिखवा रखा था। पुलिस में नौकरी का मकसद सिर्फ गलत रास्ते के जरिए पैसा कमाना था। इसमें वो सफल भी रहा। मगर आखिर उसका भी हश्र वहीं हुआ जो हर एक अपराधी का होता है। अब सलाखें उसकी तकदीर बन गई है।
मध्य प्रदेश के नीमच के एक नामी नशे के सौदागर से कनेक्शन सामने आने के बाद देवास एसपी एसडी सिंह ने उसे बर्खास्त करने का आदेश जारी किए है। हालांकि आरोपी कांस्टेबल पंकज कुमावत गत एक माह से नशीले पदार्थों की तस्करी करने के आरोप में जावद जेल में बंद है। वहीं बाबू सिंधी भी सलाखों के पीछे अपना वक्त बिता रहा है। पुलिस विभाग को जांच में पंकज की 50 करोड़ की अघोषित संपत्ति मिली है। उसके रसूख और संपत्ति को देख खुद महकमे के आला अधिकारी हैरान रह गए। 13 साल की नौकरी में इतनी लंबी छलांग की अब पूरे प्रदेश में खासी चर्चा है। पुलिस अब उसके काले कारनामों का रिकॉर्ड खंगालने में जुटी है। वहीं उसकी संपत्ति का ब्यौरा तैयार कर उसे जब्त करने की तैयारी भी चल रही है।
यूं आया शक के घेरे में
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, पंकज अपने गॉड फादर बाबू सिंधी के जन्मदिन पर बेतहाशा नोटों की गड्डिया लुटा रहा था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ। इसकी महक महकमे के आला अधिकारियों तक भी पहुंची। इसके बाद विभाग की ओर से उसकी निगरानी शुरू की गई तो सामने आया कि, नीमच के कुख्यात डोडा- पोस्त तस्कर बाबू सिंधी से उसकी सांठ- गाठ है। इसके बाद उसका साल 2020 में तबादला कर देवास पुलिस लाइन में तैनात कर दिया गया। यहां आने के बाद भी उसका संपर्क लगातार बाबू सिंधी के साथ बना रहा। पुलिस के मुताबिक नशे के कारोबारी बाबू सिंधी के डोडा- पोस्त को लाने ले जाने सहित पुलिस महकमे से जुड़े उसे सारे काम पंकज ही देखता था। पंकज उसका लेफ्ट हैंड था। उसके आदमियों के पकड़े जाने पर मामले को रफा-दफा करवाने से लेकर मुकद्दमें में कमजोर धाराएं जुड़वाने तक की सारी मदद करता था। इसकी एवज में बाबू सिंधी की ओर से उसे मोटी रकम दी जाती थी।
13 साल की नौकरी में करोड़ों का मालिक
पुलिस के मुताबिक पंकज के पिता की मौत के बाद महज 15 वर्ष की आयु में खाकी वाला बन गया था। उसके पिता दयाराम कुमावत नीमच थाने में कांस्टेबल थे। जिनकी इमानदारी के चर्चे समूचे पुलिस महकमे में थे। वर्ष 2009 में वे एक सड़क दुर्घटना में चल बसे थे। पंकज को 15 वर्ष की अल्पायु में अनुकंपा नियुक्ति दी गई। हालांकि वह ज्यादा पढ़ा - लिखा नहीं है। महज 12वीं पास कर सका। पुलिस के मुताबिक जानकारी में सामने आया है कि, वह अपने दोस्तों से भी करोड़पति बनने के शॉर्टकट के बारे में बातेें करता था। इसके बाद वह बाबू सिंधी के संपर्क में आया और उसका रातों रात करोड़ों की संपत्ति बनाने का ख्वाब हकीकत में बदलने लगा। पुलिस जांच में उसके फार्म हाउस, वेयर हाउस, मकान और 8 गाड़ियां होने का पता चला है। जिनकी कीमत 50 करोड़ रुपए से ज्यादा आंकी गई है। पंकज ने बाबू के साथ मिलकर राजस्थान से सटे बॉर्डर पर जमीन खरीदकर डोडा- पोस्त पीसने की मशीने लगाई व वहां से इसकी तस्करी कर रहा था। पुलिस को इसके अलावा भी उसकी कई जमीनों के बारे में जानकारी मिली है।