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MP Politics: शिवराज मंत्रिमंडल में अब पोर्टफोलियो को लेकर फंसा पेंच!

 Madhya Pradesh cabinet still tense over portfolio allocation
Updated Jul 05, 2020 | 15:52 IST

मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार ने भले ही अपने मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार कर लिया हो लेकिन पोर्टफोलियों के आवंटन को लेकर अभी भी पेंच फंसा हुआ नजर आ रहा है।

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 Madhya Pradesh cabinet still tense over portfolio allocation Madhya Pradesh cabinet still tense over portfolio allocation
शिवराज मंत्रिमंडल में अब पोर्टफोटियों को लेकर फंसा पेंच!
मुख्य बातें
  • मध्य प्रदेश में शिवराज कैबिनेट का हो चुका है विस्तार, पोर्टफोलियो आवंटन पर फंसा पेंच
  • शिवराज सिंह पोर्टफोलियो आवंटन को लेकर कर सकते हैं दिल्ली का दौरा
  • सिंधिया गुट के 14 विधायक बन चुके हैं मंत्री, पुराने मंत्री भी चाहते हैं एक से ज्याादा विभाग

भोपाल: मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल का दूसरा विस्तार हो चुका है और भावी मंत्रियों के चयन को लेकर काफी मशक्कत करनी पड़ी थी और उसके बाद गुरुवार को कैबिनट का गठन हुआ जिसमें 28 विधायकों, पूर्व विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली। लेकिन मुश्किलें अभी कम नहीं हुई है एएनआई की खबर के मुताबिक अभी भी विभागों के बंटवारे को लेकर पेंच फंसा हुआ है।

सिंधिंया गुट के कुल 14 पूर्व विधायक मंत्रिमंडल में हैं शामिल

 गुरुवार को जब कैबिनेट का गठन किया गया था तो कुल 28 में 12 लोग सिंधिया खेमे के थे जबकि 14 बीजेपी विधायकों ने मंत्री के रूप में शपथ ली थी। सूत्रों के मुताबिक विभागों के बंटवारे को लेकर केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ राज्य नेतृत्व से भी बातचीत चल रही है। पहले विस्तार के दौरान जिन पांच मंत्रियों को पहले विभागों का आवंटन किया गया था उनकी नजर एक से अधिक विभागों पर लगी हुई है।

दिल्ली का दौरा कर सकते हैं शिवराज
सूत्रों ने बताया कि चौहान केंद्रीय नेतृत्व के साथ पोर्टफोलियो आवंटन के मुद्दे को लेकर फिर से दिल्ली का दौरा कर सकते हैं। मंत्रालय में सिंधिया के खेमे की कुल संख्या अब 14 है, क्योंकि दो पूर्व विधायक पहले ही मंत्रिपरिषद में थे। गुरुवार को शामिल होने वालों में 20 कैबिनेट रैंक के हैं और आठ राज्य मंत्री हैं। इसलिए, अब सभी लोग मलाईदार विभागों को पाने का प्रयास कर रहे हैं, एक से अधिक पोर्टफोलियो की कोशिशें जारी हैं।

ये नेता हुए हैं मंत्रिमंडल में शामिल

 भाजपा की तरफ से मंत्री परिषद में शामिल होने वालों में गोपाल भार्गव, विजय शाह, जगदीश देवडा, यशोधरा राजे सिंधिया, भूपेंद्र सिंह, ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह और विश्वास सारंग शामिल हैं। वहीं सिंधिया खेमे से बिसाहूलाल सिंह, ऐदल सिंह कंसाना, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम्न सिंह तोमर, हरदीप सिंह डांग, राजेंद्र सिंह दत्तीगांव को कैबिनेट मंत्री के रूप में लिया गया है। 

24 सीटों पर होना है उपचुनाव

जबकि सिंधिया खेमे से ब्रजेंद्र सिंह यादव, गिरिराज दंडोतिया, सुरेश धाकड़ और ओपीएस भदोरिया को राज्य मंत्री के रूप में शामिल किया गया। सिंधिया खेमे से शामिल होने वालों ने मार्च में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके कारण 15 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार गिर गई थी। इन सभी के राज्य में जल्द ही होने वाले उपचुनाव लड़ने की संभावना है। वर्तमान में चौबीस विधानसभा सीटें खाली हैं।

कांग्रेस ने साधा निशाना

 अब तक के विभागों आवंटन नहीं होने पर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर तंज कसा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अजय सिंह यादव ने कहा कि राज्य में "रिमोट-नियंत्रित सरकार है", जिसमें सिंधिया और अन्य 14 मंत्रियों पास रिमोट है। यादव ने दावा किया कि विभागों के आवंटन को लेकर मनमुटाव है इसलिए यह सरकार जल्द ही गिर जाएगी।

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