लाइव टीवी

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में कूनो की धरती पर दौड़े चीते, कुछ ऐसे बीता पहला दिन, ये है पूरा शेड्यूल

Updated Sep 18, 2022 | 21:36 IST

MP News: कूनो नेशनल पार्क में बनें बाड़े में छोड़ने के बाद चीते डरे-सहमें नजर आए। एक घंटे बाद वे नॉर्मल हुए। 3 घंटे बाद पानी पीया। इसके बाद उन्हें खाने में मांस दिया गया। सहज होने के बाद चीतों ने बाड़े में फर्राटे भी भरे।

Loading ...
तस्वीर साभार:&nbspANI
कूनो नेशनल पार्क में एक घंटे तक चीते डरे व सहमे हुए नजर आए (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  • बाड़ों में छोड़ने के बाद चीते सहमे नजर आए
  • एक घंटे बाद वे नॉर्मल हुए व दौड़ने लगे
  • 3 घंटे बाद होद से पानी पिया व बाद में मांस खाया

MP News: अफ्रीका के नामीबिया से मध्य प्रदेश के श्योपुर स्थित कूनो नेशनल पार्क में पंहुचे 8 मेहमान चीतों को पहले दिन खाने के लिए भैंसे का मांस दिया गया। कूनो नेशनल पार्क के डीएफओ प्रकाश वर्मा के मुताबिक पीएम नरेंद्र मोदी ने चीतों को कूना नेशनल पार्क में बनाए गए क्वारेंटिन सेंटर में छोड़ा था। इसके एक घंटे तक चीते डरे व सहमे हुए नजर आए। करीब 3 घंटे बाद वे सामान्य हुए। उन्होंने बाड़े में बनाए गए होद से पानी पीया। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, चीतों को खाने के लिए मांस दिया गया। मगर सभी ने कुल मिलाकर महज 8 किलो मांस ही खाया।

महकमे के विशेषज्ञों के मुताबिक नॉर्मल होने के बाद चीते थोड़े एक्टिव हुए व बाड़े में छलांगे लगाने लगे। विशेषज्ञों के मुताबिक नामीबिया से 9 हजार किमी का सफर कर पिंजरों में बंद होकर खाली पेट आए चीतों में थकान साफ दिखाई दे रही थी। कूनो के घास के मैदान अब उन्हें लुभा रहे हैं। बता दें कि, इस रिजर्व में घास के सपाट मैदान नामीबिया के जैसे ही दिखते हैं। विभाग के मुताबिक चीते जंगल से परिचित होने की कोशिश कर रहे हैं। सामान्य होने के बाद वे घास के मैदान में फर्राटे भर रहे हैं। वन विभाग के विशेषज्ञों को मुताबिक, यहां के वातावरण में ढलने में अभी उन्हें काफी वक्त लगेगा। रविवार को भी जंगल जीवन सामान्य नजर आया। अधिकारियों के मुताबिक चीते आराम से विचरण कर रहे हैं। 

अब बनेगा टूरिस्ट ट्राएंगल

डीएफओ प्रकाश वर्मा के मुताबिक, 70 साल बाद देश के जंगल एक बार फिर से चीतों के कुनबे से आबाद हो गए हैं। नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क में लाए गए 8 में से 2 चीतों को अलग से बनें विशेष बाड़े में छोड़ा। कुल आठ में से 5 फिमेल हैं। जबकि 3 मेल हैं। मेल चीतों की उम्र साढ़े 5 साल है। वहीं फिमेल की अगर बात करें तो इनमें से दो की उम्र 5 साल है। शेष 3 में से एक की 2 साल व 1 की ढाई साल और एक की 4 वर्ष है। डीएफओ के मुताबिक चीते को जंगल में रफ्तार का बादशाह कहा जाता है। ये पलक झपकते ही 80 से 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ लगाता है। शिकार इसकी जद मे आते ही महज 20 सेकेंड में इसके जबड़ों में होता है। विंध्याचल की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच स्थित इस जंगल में जंगल जीवन की तमाम खूबियां मौजूद हैं। राजस्थान के रणथंभौर टाइगर रिजर्व से सटे इस इलाके में आने वाले दिनों में टूरिस्ट ट्राएंगल बनेगा। जिससे पर्यटन आधारित रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी। विशेषज्ञ कहते हैं कि, अफ्रीका की तरह कूनों के जंगल हैं, जिससे चीतों को यहां बसने में कोई परेशानी नहीं होगी। 

Bhopal News in Hindi (भोपाल समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharatपर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) से अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।