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मध्यप्रदेश: परिजन नहीं भर पाए फीस, तो बीमार वृद्ध को अस्पताल प्रबंधन ने बिस्तर से बांधा

Updated Jun 07, 2020 | 14:13 IST

Madhya Pradesh: कोरोना वायरस से जंग के बीच एक निजी अस्पताल का अमानवीय व्यवहार देखने को मिला है जहां परिजनों द्वारा अस्पताल की फीस नहीं चुका पाने पर बीमार वृद्ध को बंधक बना लिया गया।

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Shajapur Old patient
मुख्य बातें
  • मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले में फीस नहीं चुकाने पर दो दिन तक 80 साल के वृद्ध को बंधक बनाए रखा
  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ट्वीट कर कहा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
  • पेट में दर्द की शिकायत के बाद 1 जून को अस्पताल में परिजनों ने कराया था भर्ती

शाजापुर: कोरोना वायरस की लड़ाई के दौरान एक तरफ जहां डॉक्टरों को पूरे देश में भगवान का दर्जा दिया गया। पीएम मोदी के आह्वान पर देश के लोगों ने डॉक्टरों सहित कोरोना वॉरियर्स की हौसला अफजाई करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए थाली-ताली बजाने को कहा था। पूरे देश के पीएम के आह्वान पर ऐसा किया भी। 

लेकिन कोरोना से जंग के बीच मध्यप्रदेश के डॉक्टरों की एक तस्वीर सामने आई है जो बाकी लोगों के किए कराए अच्छे कामों पर पानी फेर देती है। प्रदेश के शाजापुर जिले में एक अस्पताल ने फीस भरने में असमर्थ होने के कारण एक वृद्ध को बेड से बांध दिया। परिजन वृद्ध का इलाज कराने लाए थे। लेकिन पैसे न होने के कारण वो चले गए और अस्पताल ने बुजुर्ग को बंधक बना लिया। 

अस्पताल में बिस्तर से बंधे वृद्ध ने बताया, मेरी अस्पताल से छुट्टी हो गई है पर मेरे परिजनों ने अस्पताल की फीस नहीं भरी इसलिए मुझे बिस्तर से बांध रखा है।तस्वीरों में दिख रहा है कि बुजुर्ग के हाथ पांव दोनों रस्सी से बंधे हैं और वो असहाय बिस्तर पर पड़े दिख रहे हैं। दो दिन तक अस्पताल ने उन्हें बिस्तर पर बांधे रखा। शुक्रवार को जब मीडिया कर्मी वहां पहुंचे उसके बाद ही अस्पताल प्रबंधन ने मामले को तूल पकड़ता देख बुजुर्ग को घर जाने दिया। 

इस घटना के सामने आने के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा, वरिष्ठ नागरिक के साथ क्रूरतम व्यवहार के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा, सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।



1 जून को हुए थे भर्ती
प्रदेश के राजगढ़ जिले के रनारा गांव के रहने वाले 80 वर्षीय लक्ष्मीनारायण दांगी को पेट में तकलीफ थी। ऐसे में परिजनों ने उन्हें शाजापुर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया। जब वो ठीक हो गए थे परिजन उन्हें घर ले जाना चाहते थे लेकिन बिल नहीं चुकाने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने उन्हें रोक लिया। कहीं बुजुर्ग भाग न जाए इस डर से उन्हें बिस्तर पर ही बांध दिया। 

एसडीएम ने की जांच
मुख्यमंत्री द्वारा मामले के बारे में ट्वीट किए जाने के बाद शाजापुर के एसडीएम साहेब लाल सोलंकी स्वास्थ्य टीम के साथ अस्पताल पहुंचे और लोोगं के बयान दर्ज कराए।  

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