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GST के 4 साल, वित्त मंत्रालय ने कहा- टैक्स की दरें घटी, टैक्सपेयर्स बढ़े, पीएम मोदी ने बताया- मील का पत्थर

Updated Jun 30, 2021 | 16:45 IST

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए हुए चार हो गए है। इस मौके पर वित्त मंत्रालय ने कहा कि टैक्स की दरों में कटौती हुई और टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ी है। पीएम ने कहा कि यह मील का पत्थर साबित हुआ।

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 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी की तारीफ की
मुख्य बातें
  • पूरे देश में जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू किया गया था।
  • पीएम मोदी ने जीएसटी के 4 वर्ष पूरे होने पर इसकी तारीफ की है।
  • जीएसटी के तहत व्यवसायों को टैक्स से छूट दी गई है।

नई दिल्ली : वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था लागू हुए 4 साल पूरे हो गए हैं। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। वहीं वित्त मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए हैं, टैक्स की दरों में कटौती हुई और टैक्सपेयर्स की संख्या बढ़ी है। पूरे देश में राष्ट्रव्यापी जीएसटी एक जुलाई 2017 को लागू किया गया था, जिसमें उत्पाद शुल्क, सेवा कर, वैट और 13 उपकर जैसे कुल 17 स्थानीय कर समाहित थे।

जीएसटी के तहत 40 लाख रुपए तक वार्षिक कारोबार वाले व्यवसायों को टैक्स से छूट दी गई है। इसके अतिरिक्त 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले लोग कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और केवल 1% टैक्स का भुगतान कर सकते हैं। इसी तरह सेवाओं के लिए 1 साल में 20 लाख रुपए तक कारोबार वाले व्यवसायों को जीएसटी से छूट दी गई है। इसके बाद 1 साल में 50 लाख रुपए तक का कारोबार करने वाले सेवाप्रदाता कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं और उन्हें केवल 6% टैक्स का भुगतान करना होगा।

 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जीएसटी के 4 वर्ष पूरे होने पर इसकी सराहना की है। उन्होंने कहा है कि यह भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि जीएसटी भारत के आर्थिक परिदृश्य में मील का पत्थर साबित हुआ है। इसने करों की संख्या, अनुपालन बोझ और आम आदमी पर समग्र कर बोझ में कमी की है जबकि पारदर्शिता, अनुपालन और समग्र संग्रह में काफी वृद्धि हुई है।#4YearsofGST"

वित्त मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि जीएसटी ने सभी करदाताओं के लिए अनुपालन को सरल बना दिया है और जीएसटी परिषद ने कोविड-19 महामारी के प्रकोप के मद्देनजर कई राहत उपायों की सिफारिश भी की है।  मंत्रालय ने ट्वीट किया कि अब यह व्यापक रूप से स्वीकार कर लिया गया है कि जीएसटी उपभोक्ताओं और करदाताओं, दोनों के अनुकूल है। जीएसटी से पहले उच्च कर दरों ने कर भुगतान करने को हतोत्साहित किया, हालांकि जीएसटी के तहत कम दरों ने कर अनुपालन को बढ़ाने में मदद की। अब तक 66 करोड़ से अधिक जीएसटी रिटर्न दाखिल किए गए हैं।

वित्त मंत्रालय ने कहा कि जीएसटी के तहत लगभग 1.3 करोड़ करदाताओं के पंजीकरण के साथ अनुपालन में लगातार सुधार हो रहा है।
वित्त मंत्रालय ने हैशटैग 4इयरऑफजीएसटी के साथ ट्वीट करते हुए कहा कि जीएसटी ने उच्च कर दरों को कम किया। मंत्रालय ने कहा कि आरएनआर समिति द्वारा अनुशंसित राजस्व तटस्थ दर 15.3 प्रतिशत थी। इसकी तुलना में आरबीआई के अनुसार वर्तमान में भारित जीएसटी दर केवल 11.6 प्रतिशत है। मंत्रालय ने आगे कहा कि जीएसटी ने जटिल अप्रत्यक्ष कर ढांचे को एक सरल, पारदर्शी और प्रौद्योगिकी संचालित कर व्यवस्था में बदल दिया है और इस तरह भारत को एक बाजार में एकजुट किया है।

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